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हत्या के 2 साल बाद सरेंडर करने पहुंचा आरोपी, आत्मा की आवाज सुन पहुंचा थाने
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (बैढ़न)। यहां हत्या के एक आरोपी ने अपनी आत्मा की आवाज पर दो साल बाद खुद थाने जाकर न केवल अपना अपराध कबूल किया, बल्कि जहां हत्या कर शव दफनाया था वह जगह भी शिनाख्त करवाई। खुदाई करने पर यहां से मृतक का कंकाल बरामद किया गया है। बताया गया है कि सिंगरौली के बरगवां थाना क्षेत्र में एक गुमशुदा व्यक्ति का नर कंकाल खोद कर निकाला गया है और इससे क्षेत्र में सनसनी का माहौल बना हुआ है, क्योंकि यह नर कंकाल जिस व्यक्ति का बताया जाता है वह दो साल पहले अचानक गायब हो गया था। इसके अलावा इस सनसनीखेज मामले में एक और चौंकाने वाला पहलू यह है कि इस नर कंकाल के बारे में पुलिस को सूचित करने वाला आरोपी स्वयं ही गुमशुदा व्यक्ति की निर्मम हत्या करने में शामिल था।
अवैध संबंध उजागर होने पर पत्नी ने की थी हत्या
दरअसल, कंकाल बरगवां के ग्राम मनिहारी निवासी कबीरदास पिता राममिलन 37 वर्ष का कहा जा रहा है और कबीरदास का शव गांव के तालाब के किनारे दफनाने की सूचना गांव के ही रामायण नाम के व्यक्ति ने पुलिस को शुक्रवार को दी। रामायण जिस समय पुलिस को इस हत्याकांड के बारे में बताने पहुंचा था उस समय वह ऐसी हालत में था कि पुलिस को पूरा घटनाक्रम बताते-बताते ही उसकी जुबान लड़खड़ाने लगी थी। बताया जाता है उसने खुद कबूला कि कबीर के शव को दफनाने में कबीर की पत्नी का साथ उस समय भले दे दिया था, लेकिन उसके बाद से उसे यह महसूस होने लगा कि उसने गलत किया है और पिछले दो साल से उसका सुख-चैन छिन गया है। ऐसा लगता था जैसे कोई कुछ कह रहा हो। अपने सीने में दबाए इस राज के बोझ को सहन नहीं कर पा रहा था और इसीलिये पूरा मन बनाकर पुलिस को इस घटना के बारे में बताने का निर्णय लिया।
जेसीबी से खोदी गई कब्र
रामायण के बताये अनुसार कबीरदास को तालाब के किनारे जहां दफनाया गया था वहां पुलिस द्वारा शुक्रवार की शाम जेसीबी से खुदाई कराई गई। खुदाई में कबीरदास के शव के कंकाल की हड्डियां टुकड़ों में एक-एक कर मिली। जिसे इकठ्ठा करने में ही घंटो का समय लगा। वहीं गांव के तालाब के पास जेसीबी से खुदाई होते देख मौके पर ग्रामीणों की खासी भीड़ भी उमड़ पड़ी थी और जब एक-एक कर हड्डियां निकलने लगी तो नजारा देखकर ग्रामीण भी दंग रह गए।
पत्नी ने की हत्या
हत्याकांड का खुलासा करने वाले रामायण द्वारा पुलिस को जो बयान दिया है उसमें उसने बताया कि कबीरदास को पहले ही उसकी पत्नी ने मार दिया था। इसके बाद उसने उसे बुलाया और उन दोनों ने मिलकर कबीरदास के शव को तालाब के भीट में किनारे तरफ दफनाया था।
चोरी-छिपे चल रहा था प्रेमप्रसंग
बताया जाता है कि कबीरदास मुम्बई में नौकरी करता था और वह यहां अपने घर कम ही आया करता था। जब कभी आता तो एक-दो दिन रहकर चला जाता था। बाकी परिवार के भरण-पोषण का खर्चा पूरा देता था। ऐसे में पति की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर उसकी पत्नी का रामायण के साथ प्रेमप्रसंग चलता था। यह मामला कबीरदास के संज्ञान में आने के कारण कबीर की पत्नी ने उसे हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का दुस्साहस किया। पुलिस फिलहाल मामले में पूछताछ कर रही है।
इनका कहना है
रामायण द्वारा जैसा बताया गया था उसके अनुसार तालाब के किनारे खुदाई कराकर गुमशुदा कबीरदास का कंकाल निकाल लिया गया है। मामले में पूछताछ और कार्यवाही चल रही है। कुछ ही देर में पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ जाएगा।
नागेन्द्र सिंह, टीआई बरगवां
Created On :   23 Jun 2018 7:43 PM IST