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युवक थैले में ले जा रहा था रिश्तेदार का कटा पैर, लोगों ने मानव अंग तस्कर समझ कर की पिटाई
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(बैढ़न)। यहां एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती रिश्तेदार का कटा पांव पालीथिन बैग में लेकर एक युवक जिला अस्पताल फेंकने जा रहा था। पालीथिन में मानव अंग देखकर कुछ युवकों ने पहले तो उस युवक की पिटाई की फिर उसे कोतवाली ले गए। कोतवाली पुलिस भी संदिग्ध मानकर सक्रिय हो गयी। चारों तरफ चर्चा फैलने लगी कि बच्चों का पैर काटने वाला पकड़ा गया, लेकिन मारपीट का शिकार हुए युवक से पुलिस ने जब पूछताछ की तो सारा माजरा सामने आया।
पीड़ित युवक से मारपीट करने वाले धीरे से खिसक लिए। वहीं मारपीट का शिकार हुए कचनी निवासी धर्मेन्द्र कुमार बियार ने बताया कि बीना घरसड़ी निवासी लालबाबू 30 साल लगभग एक सप्ताह पहले गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें वंदना नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। जिनका ऑपरेशन सोमवार की दरमियानी रात डॉ. आरबी सिंह ने किया था। उसने बताया कि लालबाबू उसका रिश्तेदार है और गांव से वह सुबह ही उसे देखने आया था। नर्सिंग होम के कर्मचारी ने उससे कहा कि जिला अस्पताल में मैं फोन कर दे रहा हूं और वहां रखे टैंक में तुम कटा पैर डाल आओ। उसके बताए रास्ते के अनुसार पालीथिन में पैर रखकर जा रहा था, लेकिन उसे जिला अस्पताल का पता नहीं मालूम था।
देशी शराब की दुकान के सामने पहुंंचने पर वहां खड़े युवक से जिला अस्पताल का पता पूछा। तभी उसने तीन चार लड़कों को बुला लिया, फिर सभी ने पकड़कर युवक की पिटाई शुरू कर दी। फिर मारपीट करते हुए उसे कोतवाली ले गए। पुलिस ने नर्सिंग होम के कर्मचारी से पूछा तो उसने स्वीकार किया, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
नर्सिंग होम की गलती, पिटा रिश्तेदार
पीड़ित युवक के साथ हुई घटना से नर्सिंग होम की गैरजिम्मेदारी उजागर हुई है। अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल कचरे से लेकर अंगभंग तक को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी नर्सिंग होम की बनती है। जिसके लिए सारे नर्सिंग होम मरीजों से ऊंची फीस वसूलते हैं। इसके बावजूद मरीजों के रिश्तेदार को कटे अंग की पालीथिन पकड़ा देना, कहां की समझदारी है। गनीमत है कि पीड़ित युवक को गंभीर चोट नहीं आई अन्यथा बहकावे में आई भीड़ से बचना मुश्किल होता है।
Created On :   27 Jun 2018 2:54 PM IST