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बेलगाम दौड़ी बस, बाइक को कुचल दीवार से टकराई
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (मोरवा)। सुबह तकरीबन 9:30 बजे मोरवा बस स्टैंड में एक बेलगाम दौड़ती बस को देखकर सभी अवाक रह गये। बस में बैठा चालक उसे नियंत्रित करने के प्रयास करता रहा, लेकिन उसे संभाल नहीं सका। बस स्टैंड पर बने पैसिंजर पाथवे को पार करती हुई बस ने एक मोटर साइकिल को टक्कर मारी। उसके बाद भी बस नहीं रूकी और एनसीएल बाउंड्री पर जाकर टकरा गई। बस को बेलगाम भागते देख लोगों ने इधर-उधर भागकर अपनी जान बचाई। अपनी गलती से बचने के लिये चालक बस से निकलकर भागने लगा तो लोगों ने उसे पकड़कर पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस चालक को थाने लेकर पहुंची लेकिन क्षतिग्रस्त हुई बाइक के मालिक ने रिपोर्ट नहीं की, जिससे मामला दर्ज नहीं किया गया।
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बस के चालक सजन कुमार ने अपने साले जो कि दुबे बस का चालक था को स्टेयरिंग पर बैठाकर धक्का दिलवाया। जैसे ही उसने गियर लगाया बस स्टार्ट हो गयी, लेकिन पावर ब्रेक होने के कारण ब्रेक नहीं लगा और वह बस स्टैंड में दौड़ने लगी। चालक ने बस को नियंत्रित करने के लिये ब्रेकर पर बस को मोड़ा, लेकिन वह उसे पार करते हुए एनसीएल साईड की रोड पार कर निकल गई। इसी समय बाईक क्रमांक यूपी 64 एएफ 5486 बस की चपेट में आ गई। एक बड़े हादसे की आशंका से बस स्टैंड में हड़कम्प मच गया। बामुश्किल 10 मिनट पहले ही ग्रामीण श्रमिकों से भरी हुई एक साथ तीन बसें बस स्टैंड में पहुंची थीं, जिनसे उतर कर लेबर बस स्टैंड से बाहर निकले ही थे कि घटना हो गयी। दस मिनट के अंतर से एक बड़ी दुर्घटना टल गई वरना कई लोग इसकी चपेट में आ सकते थे।
हर रोज रहता है यही हाल
बस स्टैंड मे गैरेज जैसा आलम बना रहता है, किसी बस का चक्का खोला जाता है तो किसी बस का प्रोप्रेलर साफ्ट अथवा उसके कम्पाउंड टाइट किये जाते हैं। बसों में लगभग हर दिन धक्के बस स्टैंड में लगाये जाते हैं, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की आशंका बनी रहती है। खटारा बसों से सवारियां ढोने का तो जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में रिवाज ही बन चुका है। कागजी फिटनेस से चल रही बसों की अंदरूनी हालत अत्यंत खस्ता है। बताया तो यह भी कहा जा रहा है कि जिस बस से दुघर्टना हुई है वह भी फिट नहीं है। जो भौतिक सत्यापन का मामला है, जिला परिवहन विभाग ऐसी बसों की जांच पड़ताल किये ही परमिट जारी कर देता है।
प्रशासनिक अनदेखी हावी
मोरवा बस स्टैंड में नगर प्रशासन और ननि प्रशासन की अनदेखी हावी है। बसों को लेकर आये दिन कोई न कोई मामला सुर्खियों में रहता है लेकिन कभी भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। दस-दस घंटे बसें बस स्टैंड में खड़ी रहती हैं जिससे तमाम प्रकार की अराजकता फैलती है, गंदगी बस स्टैंड में फेंकी जाती है। दिन भर बसों के अंदर संदिग्ध लोग आते जाते रहते हैं। नगर प्रशासन को इन बसों की जांच कर इन्हें बस स्टैंड में इनके छूटने के आधा घंटे पहले की आने की परमिशन जारी करने का नियम बनाये ताकि अनावश्यक रूप से बस स्टैंड में बसें न रहें। वरना इस प्रकार की घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
Created On :   3 Jan 2019 1:39 PM IST