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कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई शुरू, 4 प्रशासक निलंबित
डिजिटल डेस्क छतरपुर । जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना में व्यापक स्तर पर घोटाला हुआ था। जिले की 113 सहकारी समितियों में किसानों के फर्जी खाते खोलकर उन्हें कर्जदार बताया गया और बाद में ऋण माफ किया गया। कलेक्टर द्वारा इस घोटाले की जांच कराई गई। इसमें जिले की पांच सहकारी समितियों में करोड़ों रुपए की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई। इन समिति प्रबंधकों के खिलाफ कलेक्टर द्वारा एसडीएम को एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे, लेकिन एसडीएम और समितियों के प्रशासक इन घोटालेबाज प्रबंधकों के खिलाफ पर्याप्त दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध नहीं करा पाए। जिसके कारण इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई। इन समितियों के रिकार्ड में जमकर गड़बड़ी होने पर इन सहकारी समितियों के प्रशासकों को लापरवाह माना गया। इस पर कलेक्टर ने चार सेवा सहकारी समिति के प्रशासकों को सस्पेंड कर दिया है। जबकि सेवा सहकारी समिति कटहरा में समिति के बोर्ड को भंग कर दिया गया है। जिले के सबसे बड़े सहकारी घोटाले को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से लगातार प्रकाशित किया था। अब जाकर मामले में कलेक्टर ने प्रशासकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जबकि कई समिति प्रबंधक हाईकोर्ट से स्टे के कारण फिलहाल राहत में हैं।
प्रशासकों की लापरवाही से नहीं हुई एफआईआर
जय किसान फसल ऋण माफी योजना अतंर्गत जिले में किसानों के कर्ज के नाम पर सहकारी समितियों के प्रबंधकों ने करोड़ों रुपए का गबन किया है। कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में सेवा सहकारी समिति सेंधपा, वीरों, भदर्रा, मुड़ेरी और कटहरा में सबसे अधिक धांधली हुई है। यहां पर समिति प्रबंधकों ने सैकड़ों किसानों के नाम पर फर्जी ऋण दिखाकर कई किसानों के दो-दो खाते दिखाकर करोड़ों रुपए का गबन किया। इस मामले में कलेक्टर द्वारा समिति के प्रशासकों और एसडीएम को सख्त निर्देश दिए कि इन समितियों का रिकार्ड जब्त कर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। लेकिन समितियों के प्रशासकों ने शासन का सहयोग नहीं किया और चाहकर भी इन घोटालेबाजों के खिलाफ एफआईआर नहीं हो पाई। इधर ये समिति प्रबंधक अपने खिलाफ होने वाली एफआईआर के विरुद्ध होईकोर्ट चले गए कि उनके खिलाफ शासन के पास कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। उनका पक्ष शासन ने नहीं सुना है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सेवा सहकारी समिति सेंधपा, वीरों, भदर्रा, कटहरा और मुड़ेरी के प्रबंधकों के पक्ष को सुने बिना एफआईआर न दर्ज कराने का आदेश दिया। इस आधार पर फिलहाल ये समिति प्रबंधक बचे हुए हैं।
Created On :   11 Nov 2019 2:44 PM IST