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पाक के कब्जे से छूटा अनिल पांच साल बाद अब लौटेगा घर - पाकिस्तानी सेना ने बंदी बनाकर रखा था लाहौर जेल में
डिजिटल डेस्क रीवा । पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद रीवा के अनिल साकेत की रिहाई हो गई है। अनिल शुक्रवार को अपने घर पहुंच सकता है। पांच साल से लापता अनिल के लाहौर जेल में बंद होने की खबर बीते साल आई थी। जिसके बाद हर दिन उसका इंतजार हो रहा था। जिले के नईगढ़ी थाना अन्तर्गत ग्राम छदनहाई के अनिल साकेत सहित भारत के 320 बन्दियों को विदेश मंत्रालय की पहल पर पाकिस्तान से रिहाई हुई है। अनिल के गुमशुदा होने की रिपोर्ट उनके पिता बुद्धसेन साकेत ने 10 जनवरी 2015 को लिखाई थी। घर के लोग उसके लौटने की उम्मीद छोड़ चुके थे। पत्नी की दूसरी शादी हो चुकी थी। इसी बीच बीते साल पता चला कि वह तो लाहौर जेल में बंद हैं। बताया गया कि वह भटकते-भटकते पाकिस्तान की सीमा में चला गया था। जहां उसे जेल में डाल दिया गया।
सांसदों ने उठाई आवाज
अनिल साकेत के पाकिस्तान के लाहौर जेल में बन्द होने की खबर प्रकाश मे आने के बाद सांसदों ने उसकी वापसी के लिए आवाज उठाई। सांसद जर्नादन मिश्र के साथ ही राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने अपने-अपने स्तर पर मामले उठाए। राज्यसभा सांसद मप्र कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेशाध्यक्ष राजमणि पटेल ने उक्त मामले का संज्ञान मे लेकर 15 जुलाई 2019 को स्पेशल मेन्शन के तहत राज्यसभा मे उठाया था। पटेल ने सदन मे प्रश्न उठाते हुये कहा कि अनिल के पाकिस्तान जेल में बन्द होने की खबर से जिले एवं क्षेत्र में विशेष कर अनुसूचित जाति समाज में भय एवं निराशा का वातावरण है। उन्होंने विदेश मंत्री से इस मुद्दे पर तत्काल पहल करने की मांग की थी।
जांच पूरी, आज वापसी
राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल के प्रतिनिधि एवं कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश प्रवक्ता महमूद खान ने बताया कि अनिल साकेत 13 सितम्बर 2020 को रिहा होकर 14 सितम्बर को बाघा बार्डर पंहुचा। जहां जॉचों के उपरान्त 16 सितम्बर को विशेष बस से उसे रिहा किए गए अन्य बंदियों के साथ ग्वालियर रवाना किया गया। ग्वालियर से वह आज रवाना हुआ है, जो 18 सितम्बर को अपने घर पहुंचेगा।
Created On :   18 Sept 2020 1:51 PM IST