अमिलिया घाटी ले चुकी है कई जान, अभी भी डायवर्ट रोड बनाने को नहीं चेता तकनीकी अमला

Amilia Valley has taken many lives, still the technical staff is not warned to build divert road
अमिलिया घाटी ले चुकी है कई जान, अभी भी डायवर्ट रोड बनाने को नहीं चेता तकनीकी अमला
अमिलिया घाटी ले चुकी है कई जान, अभी भी डायवर्ट रोड बनाने को नहीं चेता तकनीकी अमला


डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। दर्जनों मौतों और सडक़ हादसों के बाद भी वैढऩ-सरई मार्ग पर स्थित अमिलिया घाटी में तकनीकी अमला डायवर्ट रोड बनाने नहीं चेत रहा है। बताया जाता है कि अमिलिया घाटी की चढ़ाई और ढ़लान में तीन-तीन ऐसे ब्लॉक स्पाट हैैं, जहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। जिसमें अब तक दर्जनों लोग काल के गाल में समा चुके हैं। यह घाटी लोगों के लिए काल साबित हो रही है। घाटी की चढ़ाई शुरू होते हुए लोगों के दिल की धडकऩें बढऩे लगती हैं। घाटी की चोटी पर 30 डिग्री का मोड़ आते ही लोगों का कलेजा मुंह को आने लगता है। न पीछे देखने की हिम्मत पड़ती है और न आगे बढऩे की ताकत रह जाती है। जिस पर आम लोग ही नहीं शासन-प्रशासन के लोग भी आवागमन करते हंै। इसके बाद उक्त घाटी पर परिवर्तित मार्ग बनाने की दिशा में अभी तक जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। 
पगडंडी पर बना दी सड़क-
बताया जाता है कि अमिलिया घाटी में जहां वैढऩ से सरई के लिए लग्जरी सड़क बना दी गयी है, उक्त मार्ग में 5-6 दशक पहले से स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पैदल मार्ग का टेढ़ामेढ़ा रास्ता हुआ करता था। जिस पर कुछ दशक पहले रोड बना दी गयी। उस दौरान प्रशासन के पास न तो इतना बजट था और न ही घाट कटिंग के लिए कोई पहल की गयी है। बताया जाता है कि एक दशक पहले प्रधानमंत्री सडक़ योजना से डामरीकरण कराया गया था। इसके बाद एमपीआरडीसी ने भी उसी ढरऱ्े पर लग्जरी टू लेन सड़क बना डाली। लेकिन तकनीकी अमला घाटी की 30 डिग्री मोड़ और सैकड़ों मीटर की चढ़ाई में सड़क दुर्घटना की सभी आशंकाओं को दरकिनार कर दिया गया। 
जोखिम भरा सफर-
बताया जाता है कि उक्त मार्ग से प्रतिदिन हजारों वाहनों का आवागमन होता है, जो जान जोखिम में डालकर सफर तय कर रहे हैं। लोगों को भरोसा नहीं रहता कि इस मार्ग से मंजिल तक पहुंचा जा सकता है या नहीं। लोग दिल थामकर सफर कर रहे हैं। उक्त घाटी से कब, कहां, सैकड़ों मीटर की खाई में न समा जायें, इसका भरोसा नहीं रहता। यहां हर महीने एक-दो दुर्घटनाएं होती ही हैं। 
उठ चुका है मुद्दा-
बताया जाता है कि जिला सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में अमिलिया घाटी में आए दिन सडक़ दुर्घटनाओं का मुद््दा उठाया गया था। जिस पर कलेक्टर केवीएस चौधरी द्वारा एमपीआरडीसी को घाट कटिंग करने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
आड़े आ रहा वन अमला-
बताया जाता है कि अमिलिया घाटी में कटिंग कर रोड बनाने में वन विभाग आड़े आ रहा है। सडक़ निर्माण एजेंसी ने भी वन विभाग का मामला उठाया गया था। जिससे चर्चा है कि प्रशासन जितने की सड़क नहीं बनाता, उससे कई गुना लोगों की मृत्यु पर क्षतिपूर्ति की राशि बांट दी है। इसके बाद भी शासन-प्रशासन के लोग उक्त मार्ग के समानांतर मार्ग बनवाने में ठोस पहल नहीं कर पा रहे हंै।

Created On :   12 Dec 2019 11:35 AM GMT

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