नाराज ग्रामीणों ने रावण की जगह जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पुतले का किया दहन

नाराज ग्रामीणों ने रावण की जगह जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पुतले का किया दहन

डिजिटल डेस्क लवकुशनगर । शासकीय योजनाओं और गांव के विकास से उपेक्षित गौरिहार जनपद के तहत आने वाले मालपुर ग्राम पंचायत के कोरिनपुरवा मजरे के लोगों ने दशहरे के दिन अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने अहंकारी रावण के पुतले की जगह प्रदेश और जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पुतले का दहन किया। ग्रामीणों का कहना है कि वे आजादी के इतने साल बाद भी सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, साफ- सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन बसर करने को मजबूर हंै। उनका कहना है कि मजरे टोले के विकास को लेकर कई बार प्रदेश के मंत्रियों जिले और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं।
पुतले में लगाए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के चेहरे
उपेक्षा का दंश झेल रहे ग्रामीणों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर है। गुस्साए ग्रामीणों ने रावण के पुतले की जगह जनप्रतिनिधियों का पुतला बनाया और रावण के दस सिर की जगह प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं के चित्र लगाए और आग के हवाले कर दिया। ग्रामीणजनों का कहना है कि नीद में सो रहे सत्ता और संगठन के लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने बुराई के प्रतीक रावण की जगह जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पुतले का दहन किया।
बरसात के सीजन में गांव का टूट जाता है संपर्क 
 गौरिहार जनपद के तहत आने वाले कोरियनपुरवां मजरे के लोगों को सब से अधिक परेशानी बरसात के चार महीने उठानी पड़ती है। मजरे टोले तक जाने के लिए सड़क न होने से गांव का सपर्क अन्य जगहों से कट जाता है। इस मौसम में सब से अधिक परेशानी तब होती है जब गांव की किसी महिला को प्रसव होता है। सड़क न होने की वजह से गांव तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। इतना ही नहीं सड़क न होने की वजह से गई बार बीमार लोग इलाज के आभाव में दम तोड़ देते है।
कम नहीं हो रहा ग्रामीणों का गुस्सा
स्थानीय निवासी और समाजसेवी अरविंद्र अनुरागी का कहना है कि गांव के भोले भाले ग्रामीण लोग जब भी चुनाव आता है तो आस लगा लेते हैं कि उनके गांव की वर्षों पुरानी समस्याओं का निराकरण होगा। लेकिन जनप्रतिनिधि आश्वासन देकर चले जाते हंै। और समस्या जस की तस बनी हुई है। यही वजह है कि गांव के लोगों ने इस दशहरे में रावण के पुतले की जगह नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के पुतले को जलाया है।
 

Created On :   10 Oct 2019 8:15 AM GMT

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