नृत्य और गीत-संगीत की रंगारंग प्रस्तुति में गोते लगाते रहे कला प्रेमी

Art lovers enjoyed the colorful presentation of dance and song
नृत्य और गीत-संगीत की रंगारंग प्रस्तुति में गोते लगाते रहे कला प्रेमी
नृत्य और गीत-संगीत की रंगारंग प्रस्तुति में गोते लगाते रहे कला प्रेमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कलाकार जैसे ही अपनी भाव-भंगिमाओं के साथ स्टेज पर आए, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कलाकारों के चेहरे के हाव-भाव, तथा उनके द्वारा बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। स्वर संगम सांस्कृतिक मंच एवं किशोर नृत्य निकेतन, कर्नाटक संगीत तथा भरतनाट्यम नृत्य कार्यक्रम "नादसलंगई" का आयोजन साइंटिफिक सभागृह, आठ रस्ता चौक, लक्ष्मीनगर में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि कुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं वेदविद्या के संचालक डॉ. सीजी विजय कुमार थे। वरिष्ठ पत्रकार नंदू अंधारे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। 

कर्नाटक के वोकल से हुई शुरूआत
कार्यक्रम की संकल्पना किशोर व किशोरी हप्पीहोली की थी। गायक  बीवी विद्यासागर के दक्षिण कर्नाटक संगीत व संस्था की छात्राओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी। गायक विद्यासागर ने गणेश वंदना सहित राग हंसध्वनि, राग हिंडोल प्रस्तुत किया। पारंपरिक राग नासिकाभूषणी, मोहना लोचदार तराणा व गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु की प्रस्तुति दी।

यशवंत हम्पीहोली ने मृदंगम, टी.वी. हेमंत कुमार ने वायलीन, दुर्गा श्रीनिवास शर्मा ने मोर सिंग पर संगत दी। इस दौरान नृत्यांगना सोनाक्षी डोंगरे, एेश्वर्या पेशवे, अंकिता देशकर, अरुंधति खारापाटे व कामाक्षी ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। किशोर व किशोरी हम्पीहोली  (नटवंगम), वर्षा अनंथरमण (गायन), शुभम चाेपकर (बांसुरी), यशवंत हम्पीहोली (मृदंगम) ने प्रस्तुितयां दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. सीजी विजय कुमार उपस्थित थे।

इधर सावनी ने भी बिखेली सावनी छटा
दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा डॉ. वसंतराव देशपांडे की स्मृति में देशपांडे सभागृह में संगीत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सावनी शेंडे ने रंग भरे। शेंडे-साठे, पुणे का शास्त्रीय गायन एवं विख्यात तबला वादक पं. शुभंकर बैनर्जी, कोलकाता का एकल तबला वादन हुआ। सावनी शेंडे ने कुसुम शेंडे, संजीव शेंडे एवं डॉ. वीना सहस्रबुद्धे जैसे गुरुओं से शास्त्रीय गायन की दीक्षा ली है। सावनी का संगीत किराना तथा ग्वालियर घराने का अद्भुत मेल है।

पंडित शुभंकर बैनर्जी ने बनारस घराने के पं. मानिक दास से कुछ वर्ष शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत फरूखाबाद घराने के पं. स्वपन शिवा से 25 वर्ष तक शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार समारोह, फेस्टिवल ऑफ इंडिया इन ब्राजील, द. अफ्रीका, एशियाई फंतासी कंसर्ट जापान, लंदन में सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के साथ प्रस्तुति विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

Created On :   30 July 2018 1:44 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story