25 दिनों में प्रभावित हुआ 800 करोड़ रूपये का कारोबार --लॉक डाउन 

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25 दिनों में प्रभावित हुआ 800 करोड़ रूपये का कारोबार --लॉक डाउन 

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। कोरोना वायरस के संक्रमण से लॉक डाउन की स्थिति निर्मित हो जाने से सिंगरौली भी अछूता नहीं रहा। एक दिन का जनता कफ्र्यू और लॉक डाउन के बीते 25 दिनों में जिले में लगभग 800 करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। अलग अलग सेक्टर्स में हुए इस नुकसान में सबसे ज्यादा नुकसान ट्रांसपोर्ट सेक्टर को हुआ है। जिससे ऑटो स्पेयर्स, टायर और डीजल पेट्रोल व्यवसायी भी प्रभावित हुए हंै। शादी विवाह के मौसम में आए कोरोना वायरस ने सभी को सकते में डाल दिया है। सरकारी टैक्सों को भरने में भले ही कुछ छूट मिल जाय लेकिन बीते 25 दिनों से जिले बाहर खड़े ट्रकों में माल भी उनके हाथ नहीं पहुंच सका है। व्यवसायियों का कहना है कि उन्होंने शहालक शुरू होने से पहले ही माल के आर्डर बुक करा दिये थे ताकि सीजन में स्टॉक बना रहे। लेकिन सिर्फ खरीददारी ही हो पायी थी कि लॉक डाउन की स्थिति बन गयी। शादी विवाह भी नहीं हो सके और न ही उनका माल बिक पाया है। लाखों करोड़ों का माल या तो ट्रांसपोर्ट में पड़ा हुआ है। जिसकी भरपायी उन्हें की करनी है।
सभी व्यवसाय हुए प्रभावित
हर वर्ग का व्यवसायी लॉक डाउन से प्रभावित हुआ है। जिनमें 25 फीसदी ऐसे व्यवसायी हंै जो मार्च और अप्रैल के महीने में व्यवसाय करने के बाद सीधे सर्दी के सीजन में व्यवसाय को धार देता है। बीते दिनों होली से लेकर कई तिथि त्यौहार भी प्रभावित हुए और नौ दिनों तक लोगों को अच्छे कार्यों की शुरूआत करने खरीददारी करने के नवरात्र व रामनवमीं के दिन भी लॉकडाउन अवधि में ही बीत गये। अभी उन्हें 3 मई तक लॉक डाउन का पालन करना है उसके बाद भी उस दिन की स्थिति के अनुसार बाजार खुल सकेंगे। सरकार से छूट भी कुछ ऐसे व्यवसाय के लिए हो रही है जिससे न तो बड़े कार्य हो पा रहे हैं और न ही पूरा बाजार खुल पा रहा है। ऐसे में ग्राहक भी अपने काम अधूरे पड़ जाने की आशंका से खुलकर सामने नही आ रहा है। जिले में लॉकडाउन स्थिति में खुलने वाली किराना दुकानों के बावजूद करीब 10 करोड़ का किराना, 2 करोड़ का इलेक्ट्रिक और 2 करोड़ रूपये का इलेक्ट्रिकल आइटम्स डम्प रह गये हंै। 25 दिनों में खुदरा आइटम्स का बाजार भी लगभग 25 करोड़ का होता है।
सर्राफा बाजार एक वर्ष पीछे गया
जिले में सर्राफा बाजार तिथि त्यौहारों और लगन शहालक पर निर्भर है। दीवाली के बाद वैशाख की लगन में ही खरीददारी होती है। सर्राफा एसोसियेशन के अध्यक्ष रामदुलारे वर्मा बताते हंै कि वैढऩ बाजार की तीन दर्जन से अधिक दुकानों में ही 3 से 4 करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। जिले कस्बाई क्षेत्रों में भी लगभग इतने का ही कारोबार प्रभावित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 70 फीसदी शादियां वैशाख महीने में होती हैं। उनके टल जाने से सीधे अब सर्दियों के सीजन में ही सोने चांदी की खरीददारी होगी। बाजार भी अस्थिर हो गया है जिले भर में लगभग 7 से 8 करोड़ रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। जिसकी मार पूरे वर्ष पड़ेगी, इस लिहाज से जिले का सर्राफा बाजार एक वर्ष पीछे चला गया है।
 

Created On :   21 April 2020 11:08 AM GMT

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