- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिंगरौली
- /
- पुलिस कस्टडी में पिटाई: कोर्ट के...
पुलिस कस्टडी में पिटाई: कोर्ट के आदेश की अवमानना पर सिविल सर्जन के खिलाफ मामला दर्ज
डि़जिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। पुलिस कस्टडी में आरोपी की बेदम पिटाई के मामले में सिविल सर्जन द्वारा कोर्ट के आदेश के बाद भी आहत का मेडीकल परीक्षण नहीं किया गया था। इस मामले में अदालत ने सीएस केएल पांडेय के खिलाफ अदालत की अवमानना का प्रकरण दर्ज किया है। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टेट राकेश कुमार शर्मा की अदालत ने कोर्ट के आदेश के बाद भी सीएस द्वारा मामले को बोर्ड के पाले में डालकर आहत का उपचार और मेडीकल परीक्षण नहीं करने पर यह कार्रवाई की है।
इसके साथ ही अदालत ने सिविल सर्जन को नोटिस जारी करते हुए 4 अगस्त को न्यायालय में तलब किया है। अदालत ने एसपी को भी आवेदन की प्रति के साथ पत्र जारी करते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कोर्ट में कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
क्या था मामला
बचाव पक्ष द्वारा कोर्ट में दाखिल आवेदन पत्र के अनुसार लूट के आरोप में नवानगर पुलिस ने आरोपी रविन्द्र साहू को संदेह के आधार पर 24 जुलाई को हिरासत में लिया था। मामले में आरोप है कि पुलिस ने उससे जुर्म काबूल कराने के लिए थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया है। इससे आरोपी के दाहिने हाथ, पीठ समेत उसके शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोंटे आईं हैं। पुलिस द्वारा गुरूवार को आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने पर बचाव पक्ष के वकील प्रदीप शाह द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर आरोप लगाया था कि ड्यूटी डॉक्टर ने पुलिस के साथ मिलकर आरोपी की चोटों को मेडीकल रिपोर्ट में छिपाया है।
अदालत ने पत्र जारी कर पुन: मेडीकल परीक्षण और आहत का उपचार कराने के लिए सिविल सर्जन को आदेश जारी किया था। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिसकर्मी आहत को लेकर सिविल सर्जन के पास पहुंचे। सिविल सर्जन ने कोर्ट के आदेश की अवज्ञा करते हुए आहत का मामला बोर्ड के सुपुर्द करते हुए उपचार के बगैर उसे वापस भेज दिया। शुक्रवार को बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि सीएस द्वारा आहत का उपचार और मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया है।
जज ने खुद देखी चोट, जेल अधीक्षक को जांच कराने के निर्देश
शुक्रवार को पुलिस द्वारा आहत को बैगर उपचार और मेडीकल जांच के बिना कोर्ट में पेश किए जाने पर अदालत ने सिविल सर्जन की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। जज ने स्वयं कोर्ट में आहत की चोटों को देखने के बाद जेल अधीक्षक को उसकी जांच कराने के निर्देश दिए हैं। आहत ने कोर्ट को बताया कि नवानगर के एएसआई नृपेन्द्र सिंह और प्रधान आरक्षक संजीत सिंह ने 24 को हिरासत में लेने के बाद 26 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में रखने के दौरान बर्बरता की है।
आहत को 24 घंटे से अधिक अवधि तक पुलिस द्वारा आरोपी को कोर्ट में पेश नहीं करने पर भी अदालत ने विवेचक और प्रधान आरक्षक के रवैये को आड़े हाथों लिया है, इसके साथ ही सिविल सर्जन द्वारा कोर्ट के आदेश की आवमानना पर अवज्ञा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए सीएस को अदालत में तलब किया है।
Created On :   28 July 2018 2:02 PM IST