सीईओ ने कसी नकेल, सार्थक एप पर हाजिरी, तभी मिलेगा वेतन

CEO appeals to a tough, meaningful app, only then salary
सीईओ ने कसी नकेल, सार्थक एप पर हाजिरी, तभी मिलेगा वेतन
सीईओ ने कसी नकेल, सार्थक एप पर हाजिरी, तभी मिलेगा वेतन

सचिव व रोजगार सहायकों के द्वारा की जा रही थी पूर्व के आदेश की अवहेलना
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)।
शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों को भी सार्थक एप पर उपस्थिति दर्ज की जानी थी। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव व रोजगार सहायक इन निर्देशों की अवहेलना कर रहे थे। लिहाजा सीईओ सख्त हुए और मंगलवार को निर्देश दिये कि यदि एप पर हाजिरी दर्ज नहीं की गई तो वेतन नहीं दिया जायेगा। ज्ञात हो कि सार्थक एप पर उपस्थिति लगभग नगण्य दिखाई देने पर वेतन आहरण की समस्या आ खड़ी हुई है। जिसे देखते हुए सीईओ जिपं ने जनपद पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी को आदेश दिया है कि सभी कर्मचारियों का वेतन का भुगतान तभी किया जाए, जब उनकी हाजिरी सार्थक एप पर दिखाई दे। उधर इस आदेश की जानकारी होते ही पंचायत कर्मियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। बताया जाता है कि सार्थक एप पर उपस्थिति ज्यादातर कर्मचारियों द्वारा दर्ज नहीं की जा रही है। उधर इसकी मॉनीटरिंग खुद जनपद पंचायत सीईओ प्रमोद ओझा कर रहे हैं। जिसके कारण इसमें हेरफेर की गुंजाइश भी नहीं बची है।
पोस्टिंग ग्राम पंचायतों में, ठीहा शहर में 
सार्थक एप पर हाजिरी के लिए सचिवों और रोजगार सहायकों को ग्राम पंचायत में जाना पड़ेगा। पंचायत भवन से सौ मीटर की परिधि में ही मोबाइल के माध्यम से एप पर हाजिरी लगाई जा सकती है। उधर ज्यादातर सचिव व रोजगार सहायक शहरों में परिवार के साथ रह रहे हैं। हितग्राहियों व सरपंच को शहर में ही बुलाकर कागजों पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी ड्यूटी करते थे। लेकिन जबसे सार्थक एप पर हाजिरी लगाने का आदेश आया है उनके समक्ष गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। पंचायत सचिवों के अपनी पदस्थापना वाली ग्राम पंचायत में न जाने से सार्थक एप की हाजिरी नहीं लग पा रही है।
ग्रामीणों के लिए होगी सुविधा
सार्थक एप पर हाजिरी अनिवार्य हो जाने से ग्रामीणों को बहुत लाभ होने वाला है। अभी तक छोटे-छोटे कार्यों के लिए सचिवों के पीछे ग्रामीणों को शहरों में भागना पड़ता था। लेकिन सार्थक एप पर हाजिरी नियम को कड़ाई से पालन किया जाने लगेगा तो पंचायत कर्मियों को हरहाल में पंचायत भवन में बैठना ही पड़ेगा। तब ग्रामीण शासन की योजनाओं को लाभ आसानी से मिलने लगेगा।
 

Created On :   10 Dec 2020 12:25 PM GMT

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