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30 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढ़े में गिरा मासूम, 3 घंटे चला रेस्क्यू, बच्चा सुरक्षित
डिजिटल डेस्क सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में रविवार को एक मासूम खेत में खेलते-खेलते 30 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा, लेकिन प्रशासन की तत्काल राहत और बचाव से इस मासूम की जिंदगी महज तीन घंटे की कड़ी मेहनत करके बचा ली गई। बच्चा अपनी दादी के साथ सब्जी के खेत में गया था, तभी वह पास में बने एक कच्चे बोरवेल के पास जा पहुंचा और गिर गया। रेस्क्यू कर बच्चों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया है। बच्चे को अपनी आंखों के सामने देख परिजनों की आंखे खुशी से छल आयी।
सूचना पर पहुंचा पुलिस बल व प्रशासन-
रविवार को गढ़वा थाना अंतर्गत ग्राम खैराड़ में एक मासूम बच्चा खेलते-खेलते 30 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढ़े में गिर गया। घटना सुबह करीब साढ़े 8 बजे के आसपास हुई। मासूम तेजप्रताप मौर्य अपनी दादी के साथ घर के पास स्थित सब्जी के खेत में गया था। खेत पर तेज प्रताप की दादी सब्जियां तोड़ रही थीं और तेज प्रताप वहीं पर खेलने लगा। इसी बीच वह खेलते-खेलते पास में बने कच्चे बोरवेल के गहरे गड्ढ़े में कब गिर गया, इसकी भनक तक उसकी दादी को नहीं लगी। कुछ देर बाद जब गहरे, संकरे गड्ढ़़े में गिरने से मासूम तेजप्रताप का दम घुटने लगा और उसे काफी तकलीफ महसूस हुई तो वह चीखने लगा। अपने नाती की चीख-पुकार सुनकर उसकी दादी भी घबरा गईं और पलट कर देखा तो उसका नाती कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। तेजप्रताप के लगातार रोने व चीखने की आवाज सुनकर उनका ध्यान बोरवेल के गड्ढ़े की ओर गया। बोरवेल के पास जाकर देखा तो उसके नाती के रोने की आवाज उसी गड्ढ़े से आ रही थी। फिर क्या था उन्होंने शोर मचाकर परिजनों और आसपास के लोगों को बुला लिया। आनन-फानन में इसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी और करीब आधे घंटे के भीतर गढ़वा व चितरंगी थाने से पुलिस बल मौके पर आ पहुंचा।
ऑक्सीजन पहुंचाकर बचाई जान-
घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जब हालात देखे तो वह भी दंग रह गये। इसी बीच एक समस्या गंभीर रूप से सामने आयी कि करीब 30 फिट गहरे, संकरे गड्ढ़े में बच्चे को सांस लेने में अगर ज्यादा दिक्कत हुई तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया गया। फिर पतली पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन गड्ढ़े में फंसे मासूम तेज प्रताप तक पहुंचायी गई। जिसके बाद यह आशंका समाप्त हो गई कि बच्चे को सांस नहीं ले पाने से दम नहीं घुटेगा। लेकिन तेजप्रताप को गड्ढ़े से निकालने का चेलेंज बना हुआ था।
गड्ढे के बगल में किया गड्ढ़ा-
बताया जाता है बारिश के कारण मिट्टी गीली थी। जिससे बोरवेल के कच्चे गड्ढ़े से सुरक्षित ढंग से मासूम को निकालना रेस्क्यू टीम के लिये बड़ा चेलेंज बना हुआ था। लेकिन काफी सूझबूझ के साथ बोरवेल वाले गड्ढ़े के बिल्कुल बगल में बोरवेल के गड्ढ़े की साइज का ही जेसीबी से गड्ढ़ा किया गया। ताकि बोरवेल के गड्ढ़े में जहां मासूम फंसा है वहां तक पहुंचा जा सके। प्लानिंग के अनुसार जब सब हो गया। तब बोरवेल वाले गड्ढ़े में होल करके मासूम तेजप्रताप को सुरक्षित ढंग से निकाल लिया गया।
3 घंटे चला रेस्क्यू, मचा रहा हड़कंप-
रेस्क्यू करीब 3 घंटे दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान सुबह इस घटना की खबर जिले में काफी तेजी से फैल गई। जिससे वहां से लेकर मुख्यालय वैढऩ में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों में हडक़ंप मच गया। जिससे मौके पर तहसीलदार को भेजा गया, फिर वैढऩ से एएसपी प्रदीप शेन्डे और एसडीओपी सिंगरौली डॉ. कृपाशंकर द्विवेदी को भेजा गया। इसके अलावा मौके पर पहले से एसडीओपी चितरंगी शिवानंद सिंह कुम्हरे, टीआई रामायण रावत, टीआई चितरंगी वीरेन्द्र झा सहित ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
तब परिजनों को मिला सुकून-
तेज प्रताप के गड्ढ़े में गिरने से उसकी माता, पिता आदित्य मौर्य और दादी से लेकर अन्य सभी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, लेकिन जब तेजप्रताप को गड्ढ़े से निकाल लिया गया तो उसे देखकर सभी के चेहरे खिल उठे। तेज प्रताप भी अपने माता-पिता की गोद में पहुंचकर खुद को सुरक्षित महसूस करने लगा। आलम यह था कि पहले अपने लाडले के लिये रोते परिजनों ने जब उसे सुरक्षित देखा तो उनकी आंख में खुशी के आंसू छलक आए।
Created On :   27 Jan 2019 9:01 PM IST