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कोटा से घर वापस आए बच्चे - बस में नहीं हुआ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन , अभिभावक चिंतित
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)।कोरोना के भयजदा माहौल में जिस सोशल डिस्टेंसिंग को देश-दुनिया में सबसे बड़ा हथियार बनाया जा रहा है। उसे लेकर जिले के बच्चों को कोटा से लेकर आ रही बसों में अनदेखी होती रही। बसों में थ्री सीटर पर तीन, टू सीटर पर दो बच्चों को बैठाया गया था। जिससे बच्चे और उनके अभिभावक काफी भयभीत रहे। इन हालात की कुछ फोटो भी सामने आयी है, जो बसों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर हुई लापरवाहियों को उजागर करती हैं। इन हालात में अगर धोखे से भी कोटा से आये बच्चों में कोई संक्रमित पाया जाता है तो यह प्रशासन के लिये तो सिरदर्द होगा ही, साथ ही जिले के लिये बड़ा खतरा बन सकता है। गंभीर बात यह है कि कोटा से बच्चों को लाने के लिये प्रशासनिक अमले की टीम गई थी और अगर प्रशासनिक अमला ही कोरोना से जुड़े एहतियात को ऐसे नजरअंदाज करेंगे, तो फिर वह आमजनों को कैसे इसका पाठ पढ़ायेंगे? खैर, इन तमाम हालातों के बाद गुरूवार की रात साढ़े 8 बजे कुल 3 बसें और 2 इनोवा कार कोटा से बच्चों को लेकर जिला मुख्यालय वैढऩ के चूनकुमारी स्टेडियम में पहुंच गईं। जो कोटा से आये बच्चों के लिये एक बड़ी राहत थी। खुद बच्चे बताते हैं कि वह कोटा में जहां थे, वहां तो फिलहाल हालात ठीक थे, लेकिन देश-दुनिया में कोरोना को लेकर गंभीर होते हालात देखकर उन लोगों को भी टेंशन होने लगी थी कि ऐसे कब तक यहां अपने घर से दूर रहेंगे?
जब स्टेडियम में आयीं बसें
कोटा से बच्चों को लेकर आ रही बसे जैसे ही स्टेडियम प्रवेश की, तो स्टेडियम में पहले से ही जिला प्रशासन के नेतृत्व में टीमें तैनात थीं। बसों के आते ही लाउड स्पीकर से एनाउंस करके सभी को मेन गेट से स्टेडियम भीतर प्रवेश कराया गया, इसके बाद एक कोने में सभी को खड़ा करा दिया गया। इसके बाद एनाउंस करके ही बसों से सभी को उतरने और एक-एक करके स्टेडियम में बैठने के लिये बनी सीढिय़ों में दूर-दूर बैठाने को कहा गया।
वाहनों को किया गया सेनेटाइज
बसों से बच्चों को उतारकर अलग-अलग बैठाने के बाद सभी बसों व इनोवा को नगर निगम की सेनेटाइजेशन मशीनों द्वारा सेनेटाइज कराया गया। वाहनों के भीतर और अंदर भी एक-एक सीट में सेनेटाइजेशन कराया गया। ऐसे में बसों में ऊपर रैक में पैक लगेज में सेनेटाइजर ऊपर से छिड़कवाया गया। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा 6 काउंटर ग्राउंड में दूर-दूर तक लगाये गये थे। सभी काउंटर पर 8-10 के ग्रुप में बच्चों को दूर-दूर बैठाकर स्क्रीनिंग कराई गई।
प्रशासनिक इंतजाम में हीलाहवाली
शाम करीब साढ़े 8 बजे सफर से लस्त-पस्त होकर पहुंचे बच्चों की स्क्रीनिंग में देरी हुई और करीब 9.10 बजे तक में शुरू हुई। हालांकि बच्चों के आते ही मेडिकल टीमें तो स्क्रीनिंग के लिये तैनात हो गईं थी, लेकिन प्रशासनिक टीमों की पहले से कोई प्लानिंग तैयार नहीं थी कि जो बच्चे आयेंगे, उसमें एरियावार बच्चों को कैसे अलग-अलग करेंगे। इसी के चक्कर में करीब आधे घंटे बाद स्क्रीनिंग शुरू हुई और स्क्रीनिंग के बाद प्रशासनिक अमला बच्चों व उनके अभिभावकों को यह नहीं बता पा रहा था कि स्क्रीनिंग के बाद उन्हें ग्राउंड के किस हिस्से में बैठना है।
देर से आयी लंच पैकेट व पानी की सुध
बच्चों को लेकर बसें वैढऩ के स्टेडियम पहुंची गई और स्क्रीनिंग शुरू हो गई। उसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को याद आया कि बच्चे व उन्हें लेने गये उनके कर्मचारी काफी लंबा सफर तय करके आये हैं। इसलिये उनके खाने-पीने के कुछ पैकेट्स व पानी का इंतजाम किया जाना चाहिये।
सरई से उतरते गये बच्चे
सभी बसे जिले में निगरी-निवास बार्डर से होकर सरई तरफ से आयी। जिससे सरई में अपनी टीम के साथ तैनात एसडीएम विकास सिंह ने सरई, निगरी, निवास और देवसर क्षेत्र के कुल 33 बच्चों को अलग-अलग बसों से वहीं पर उतरवा लिया। इसके बाद बच्चों की स्क्रीनिंग मेडिकल टीमों से कराकर अभिभावकों को सौंप कर रवाना किया गया।
Created On :   24 April 2020 1:54 PM GMT