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पर्यटन को बढ़ावा देने बनेगा सिटी फॉरेस्ट!-डीएफओ ने भेजा प्रस्ताव, दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी के कलरव से गूंजेगा जंगल
![City forest will be made to promote tourism - DFO sent proposal, forest will resonate with tweet of rare bird City forest will be made to promote tourism - DFO sent proposal, forest will resonate with tweet of rare bird](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/12/city-forest-will-be-made-to-promote-tourism-dfo-sent-proposal-forest-will-resonate-with-tweet-of-rare-bird_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। माड़ा के ईको एडवेंचर पार्क की सफलता के बाद उत्साहित वन विभाग के अधिकारी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पिडऱताली में सिटी फॉरेस्ट बनायेगा। सिटी फॉरेस्ट में दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों को देखने का पर्यटक लुफ्त उठा सकेंगे। डीएफओ ने बताया कि सिटी फॉरेस्ट के लिये प्रस्ताव भेजा दिया गया है। सिटी फॉरेस्ट के प्रस्ताव में मंजूरी मिलने के काम शुरू हो जायेगा। सिटी फॉरेस्ट के लिये शहर से लगे क्षेत्र की वन विभाग ने तलाश पूरी कर ली गई है। वन विभाग ने पिडऱताली में 25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिटी फॉरेस्ट बनाने की कार्य योजना तैयार की है। उम्मीद है सिटी फॉरेस्ट के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अगले वित्तीय वर्ष तक काम शुरू हो जायेगा। सिटी फॉरेस्ट के डेवलप होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ लोग सुकून के पल बिता सकेंगे। वन विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
वैढऩ वन परिक्षेत्र पर बनेगा सिटी फॉरेस्ट
वन विभाग द्वारा सिटी फॉरेस्ट के लिए वैढऩ वन परिक्षेत्र की सीमा से लगे पिडऱताली में बेस्ट लोकेशन टे्रस की गई है। डीएफओ ने बताया कि बर्ड वॉचिंग व पर्यटन की दृष्टि से सिटी फॉरेस्ट में दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी भी देखने को मिलेंगे। सिटी फॉरेस्ट को नेचुरल लुक देने के लिये भी वन विभाग के अफसरों ने कार्ययोजना तैयार की है। सिटी फॉरेस्ट में राष्ट्रीय पक्षी मोर से लेकर राजकीय पक्षी दूधराज को रखने का प्लान तैयार किया गया है। जिले में मोरों की संख्या अधिक है, जो सामान्य रूप से दिख जाते हैं। वन अधिकारियों का दावा है कि सिटी फॉरेस्ट में पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलेंगी।
गणना की जानकारी से भी वन अफसर पक्षियों की जिले में मौजूदगी का पता लगा रहे हंै।
जंगल में पाई गई दुर्लभ प्रजातियां
गणना से यह बात सामने आई है कि सिंगरौली जिले के जंगल में पक्षियों की 10 दुर्लभ प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें इंडियन पित्ता (नौरंगा), बॉर्न स्वालो, ग्रे हॉर्नबिल, कॉमन वुड श्राइक, ट्रिकल ब्लू फ्लाई कैचर, कॉमन इओरा, गोल्डन ओरियल, बाउन फिश ईगल आउन, ब्रस्टिड मुनिया और नाइट जार प्रजाति के पक्षी जिले के जंगल में मौजूद हैं।
ईकोलॉजिकल सिस्टम होगा तैयार
सिटी फॉरेस्ट में पक्षियों की संख्या बढ़ाने और उन्हें यहां बसाने के लिए ईकोलॉजिकल सिस्टम तैयार किया जायेगा। इसके लिए वन विभाग ने छायादार, फलदार और फूलदार पौधों को सिटी फॉरेस्ट में रोपा जायेगा। पक्षियों को भोजन और छांव के साथ पीने का साफ पानी मिल सके, इसके लिए गर्मियों में करीब डेढ़ हजार सकोरे पेड़ों पर लगाए जायेंगे, ताकि दाना-पानी मिलने पर पक्षी अपनी लाइफ सर्किल यहीं बना लें और पूरी तरह बस जायें। यहां से वापस न जायें। इसी ईकोलॉजिकल सिस्टम की वजह से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी सिटी फॉरेस्ट के जंगल में खुद खिंचे चले आयेंगे।
केन्द्र ने मांगा था प्रस्ताव
नगर निगम क्षेत्र में सिटी फॉरेस्ट के लिये जमीन उपलब्धता को लेकर केन्द्र ने वन विभाग से प्रस्ताव मांगा था। बताया जाता है कि केन्द्र सरकार का पत्र यहां पहुंचने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने सिटी फॉरेस्ट के लिये स्थल का चयन कर लिया है। वन विभाग के एसडीओ एसडी सोमवानी ने बताया केन्द्र ने स्थल चयन के लिये 10 से लेकर 50 तक की भूमि का चयन करने के निर्देश दिये थे। इसके चलते वन विभाग ने पिडऱताली में भूमि का चयन करने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा दिया है।
प्रस्तावित क्षेत्र में नये सिरे से होगा डेपलपमेंट
वन विभाग की जानकारी के अनुसार सिटी फॉरेस्ट के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित एरिया में नये सिरे पार्क को डेवलप किया जायेगा। एसडीओ ने बताया कि सिटी फॉरेस्ट को नेचुरल लुक देने के लिये पौधरोपण के साथ गार्डन तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद प्रस्तावित एरिया में पानी की टंकी से लेकर अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा।
इनका कहना है
सिटी फॉरेस्ट की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव मंजूरी के लिये भेजा गया है। प्रस्ताव में मंजूरी मिलने के बाद सिटी फॉरेस्ट का कार्य शुरू हो जायेगा। सिटी फॉरेस्ट के लिये स्थान के चयन कर लिया गया है।
-विजय सिंह, डीएफओ
Created On :   1 Dec 2020 11:49 AM GMT