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कोयले से भरी मालगाड़ी पटरी से उतरी -सिंगरौली स्टेशन पर हुआ हादसा
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। मंगलवार को हर दिन की तरह रेलवे साइडिंग पर कोयला लोडिंग का कार्य चल रहा था कि उसी समय कटनी छोर की ओर से इंजिन नम्बर 70086 डब्ल्यूडीजी 4स्टेशन की ओर मूव हुआ। ट्रैक नम्बर 06पर यह कुछ ही दूर चल पाया था कि टै्रक पर पड़े कोयले से बंद पटरियों से एक ज्वाइंट के पास आकर इंजिन के अगले पहिये डीरेल हो गये। स्लो रफ्तार में होने केे बावजूद इंजिन के अगले पहिये तकरीबन 4मीटर तक बिना पटरी के ही चलते चले गये। इतनी दूर में ही कोयले के आगे आ जाने पर जब लोको पायलट को एबनार्मल फील हुआ तो उसने वहीं पर इमरजेंसी ब्रेक लगा दिये तब तक इंजिन पटरी से उतर से चुका था। गनीमत इस बात की रही कि यह सिर्फ इंजिन ही था कोई डिब्बा इसके साथ नही था और मेन लाइन से हट कर हुए इस हादसे में किसी प्रकार का भारी नुकसान नही हुआ है।
साइडिंग से आये कोयले के कारण हुई दुर्घटना
दोपहर लगभग 12.30बजे हुई इस दुर्घटना की जानकारी सभी संबंधितों को दी गई और लगभग एक घंटे बाद मौके पर गैंग मैन व रेलवे कर्मचारी पहुंच गये। उन्होंने बताया कि एनसीएल की स्पर साइडिंग नम्बर वन से आये कोयले की वजह से लाइन पूरी तरह से बंद थी और सिंगल लाइन होने के बावजूद इंजिन पटरी से उतर गया। दुर्घटना की जानकारी रेलवे स्टेशन सिंगरौली और कंट्रोल चोपन को देते हुए एआरटी भेजने के लिये कहा गया। लगभग 4बजे एआरटी पहुंची और फिर मशक्कत कर इंजिन को पटरी पर लाया गया। घटना को लेकर रेलवे के कर्मचारी एनसीएल के स्पर वन साइडिंग से आये कोयले को दोषी ठहराया जा रहा है। लेकिन स्टेशन में ट्रैक को सुरक्षित रखने के लिये संबंधितों द्वारा कभी भी एनसीएल को नोटिस नही दिया जाता है कि उनके द्वारा ट्रैक में कोयला गिरा कर साफ नही किया गया है। बताया तो यह भी जा रहा है कि एनसीएल ने ट्रैक की सफाई के लिये प्राइवेट ठेकेदारों को नियुक्त किया है जो एनसीएल के उपयोग में लाई जाने वाली ट्रैक की सफाई भी नही करते हंै। यह हादसा तो दूसरी लाइन पर हुआ है जिससे किसी प्रकार की जिम्मेदारी एनसीएल पर ठहरा कर रेल के लापरवाह कर्मचारी बच निकलनेे की फिराक में रहते हैं।
लगभग हर माह हो रहे डीरेल
सिंगरौली रेलवे स्टेशन के कोलयार्ड में रेलवे ट्रैक की गड़बड़ी और कोयले जाम की स्थिति में रहती है। जिनपर खाली और लोड दोनों की मालगाडिय़ा बेखौफ चलाई जा रही है, जिससे इस प्रकार की संभावनाएं बनी रहती है। स्टेशन के कालयार्ड में शायद ही कोई महीना ऐसा जाता हेोगा कि यहां पर इंजिन, डिब्बे पटरी से न उतरें। इस सबके बावजूद रेलवे के प्रशासनिक अफसर ध्यान नही दे रहे हैं। हर माह आना और खाना पूर्ति करना सिर्फ शगल बन कर रह गया है। यह अलग बात है कि मंगलवार की दोपहर हुई इस दुर्घटना में किसी प्रकार का नुकसान नही हुआ है। लाइन नम्बर 06 के अलावा सभी लाइनें बहाल रहीं। मेन लाइन से दूर हुई इस दुर्घटना के कारण किसी भी यात्री अथवा मालगाड़ी के रद्द होने की स्थिति नही बनी। रेलवे प्रबंधन के मुताबिक इस दुर्घटना से किसी प्रकार का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष नुकसान नही हुआ है।
Created On :   13 March 2018 7:33 PM IST