अल्पविराम : पति कहते हैं तुम सुधर गई हो शरीर की तरह मन मस्तिष्क को भी विश्राम दीजिए - इंद्रपाल सिंह

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अल्पविराम : पति कहते हैं तुम सुधर गई हो शरीर की तरह मन मस्तिष्क को भी विश्राम दीजिए - इंद्रपाल सिंह

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम आनंद शिविर में सम्मिलित रहे प्रतिभागियों ने कहा कि अल्पविराम ने उन्हें आनंद के सातवें आसमान पर पहुंचाया है,एक महिला प्रतिभागी ने कहा कि उसके पति कहते हैं तुम सुधर गई हो, एक महिला शिक्षक ने कहा कि स्कूल का जो स्टाफ उन्हें 8 साल से कष्ट दे रहा था उसे माफ करने की ताकत अल्पविराम से मिल गई है एक अन्य महिला ने कहा कि उसे उसकी बहन और उसकी ननंद को सिर्फ बेटियां हैं, कोई बेटा नहीं है इसका दुख पूरे परिवार को था पर अल्पविराम ने उन्हें एहसास कराया कि ईश्वर ने उन्हें यह असाधारण उपलब्धि दी है और अब उनके अंदर का दुख दूर होना शुरू हो गया है। राज्य आनंद संस्थान के डायरेक्टर इंद्रपाल सिंह ने कहा कि शरीर के थकने पर हम उसे विश्राम दे देते हैं पर जब मानव मस्तिष्क थकता है तो उसकी कोई चिंता नहीं करते और धीरे-धीरे यह मानसिक पीड़ा हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है अल्पविराम इस पीड़ा को दूर करने में सहायक है अल्पविराम आपको अपनी मनोवैज्ञानिक सीमाओं के पार ले जाता है। आनंद शिविर को लखनलाल असाटी और श्रीमती आशा असाटी के साथ लखनऊ से हिमांशु भारत, कटनी से अनिल कांबले, मनीषा कांबले, खरगोन से कड़वा मंसारे, श्योपुर से राजा खान और छतरपुर से प्रदीप सेन ने संपन्न कराया। छतरपुर से रामकृपाल यादव, विक्रम सिंह, सरिता सिंह, हीना कौसर, प्रगति खरे,रीना गुप्ता बिजावर से अंजलि प्रजापति आदि ने अल्पविराम से मिली प्रेरणा का जिक्र किया और बताया किस तरह उन्होंने अपनी चिंताओं को प्रभाव के दायरे में लाने का प्रयास किया है बिगड़े रिश्तो को सुधारा है। मनीन्द कौशिक, नम्रता तिवारी, मनीषा, दीपा चौरसिया आदि प्रतिभागियों ने भी बताया कि उन्हें अल्पविराम से क्या प्रेरणा प्राप्त हुई है।

Created On :   11 Aug 2020 1:10 PM IST

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