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खुद के फर्जीवाड़े में फंसा फरियादी, कोर्ट ने 2 साल की कैद की सजा सुनाई
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। चोरी की झुठी शिकायत करने के मामले में फरियादी खुद के फर्जीवाड़े में फंस गया। वहीं मामले को कोर्ट ने भी गंभीर मानते हुए आरोपी को 2 साल के सश्रम कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट देवसर प्रेमदीप संाकला के न्यायालय ने आरोपी वीरेन्द्र पाठक निवासी ग्राम ओडऩी थाना गढ़वा को भादवि की धारा 193 के तहत 2 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायालय ने इसी तरह आरोपी को भादवि की धारा 199 के तहत भी 2 वर्ष के सश्रम कारावास सहित 5 सौ रूपए अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। वहीं आरोपी को धारा 25 बी (1बी) के तहत भी दो वर्ष के कठोर कैद सहित 5 सौ रूपए अर्थदंड की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायालय में अभियोजन की ओर से मामले में एडीपीओ कृष्ण प्रताप सिंह ने तार्किक ढंग से पक्ष रखा।
मकान में चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी-
फरियादी वीरेन्द्र पाठक एवं दीन दयाल मिश्रा ने अपने आवास में चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। लगभग 7 वर्ष पूर्व अस्पताल कॉलोनी स्थित मकान में अज्ञात आरोपी द्वारा आभूषण, असलहा सहित जरूरी दस्तावेज चोरी होना पुलिस को बताया था। दीनदयाल मिश्रा को वीरेन्द्र पाठक ने अपने मकान के सामने रूकने के लिए कहा था। 14 मई 2013 को दीनदयाल जरूरी काम से झखरावल चला गया था। वापस आने पर मकान के सामान बिखरे थे। इस पर दोनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था।
सटीक विवेचना में षडयंत्र उजागर-
मकान में चोरी के मामले में पुलिस विवेचना की गई। सटीक विवेचना के दौरान फरियादियों के षडयंत्र का मामला उजागर हुआ था। फरियादी ने खुद फर्जीवाड़ा के तहत चोरी की झूठी रिपोर्ट पुलिस में करने का मामला सामने आया। इस पर पुलिस ने आरोपी वीरेन्द्र कुमार पाठक निवासी ओडऩी के विरूद्ध भादवि की धारा 177, 193, धारा 25(1बी)(ए)तथा धारा 26(1) आयुद्ध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय समक्ष मय अभियोजन पत्र प्रस्तुत किया था। मामले में अभियोजन की सशक्त भूमिका को अभियोजन अधिकारी आनंद कमलापुरी ने भी सराहा है।
Created On :   29 Feb 2020 2:43 PM IST