- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिंगरौली
- /
- आइसोलेशन वार्ड से भागा कोरोना का...
आइसोलेशन वार्ड से भागा कोरोना का संक्रमित कैदी - पुलिस कर्मी ने धरदबोचा
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। जिला अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक कोरोना संदिग्ध संक्रमित के रूप में चिन्हित एक कैदी गुरूवार-शुक्रवार की दरमियानी रात भाग निकला। कैदी के भाग निकलने की भनक शुक्रवार की सुबह करीब 6-7 बजे लोगों को लगी। अस्पताल में ही कैदी पर निगरानी रखने व सुरक्षा की दृष्टि से तैनात पुलिस कर्मियों से लेकर अस्पताल प्रबंधन और आला पुलिस अधिकारियों के इस घटना से होश ही उड़ गये थे। आनन-फानन में पुलिस अधीक्षक से लेकर अन्य पुलिस अधिकारी जिला अस्पताल जा पहुंचे। वहीं पुलिस अधीक्षक ने आसपास के सभी थानों को अलर्ट कर नाकाबंदी करने और बार्डर पर चौकसी बढ़ाने का फरमान दिया। साथ ही फरार कैदी की खोजबीन के लिये शहर से लेकर सभी बार्डर तक के लिये और कैदी के गृह क्षेत्र झारखंड के गढ़वा के लिये पुलिस की टीमें रवाना कर दी गई। तेजी से सक्रिय हुये पुलिस कर्मियों ने फरार कैदी की जगह-जगह खोजबीन शुरू कर दी। जिसका नतीजा यह हुआ कि जयंत के बस पड़ाव में फरार कैदी को एक पुलिस कर्मी ने ढूंढ़ निकाला। जिसके बाद फरार कोरोना के संदिग्ध संक्रमित कैदी को पहले जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में लेकर जाकर फिर से भर्ती कर दिया गया। इसके बाद दोपहर बाद उसे फिर से जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर इस मामले में हुई लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रबंधन व पुलिस महकमा एक-दूसरे की कमियां गिनाने और खुद को सही ठहराने में जुटा है।
कैसे भागा कैदी?
बताया जाता है कि आइसोलेशन वार्ड में जिस तरफ टॉयलेट बना है, उस तरफ एक चैनल गेट लगा है, जिससे सीधे बाहर जाने का रास्ता है। हालांकि चैनल गेट में ताला बंद था लेकिन कैदी ने चैनल गेट के ऊपर जालीनुमा लगाई गई पाइपों के बीच में काफी कम जगह से निकलने में सफल हो गया था। वहीं से वह अस्पताल के बाहर निकलकर भाग गया। पकड़े जाने के बाद उसने खुद ही भागने के तरीके को बताया। जिसके बाद पुलिस ने उस खाली जगह पर वेल्डिंग करा दिया है ताकि फिर कोई उस जगह से निकल न सके।
जिसका डर था आखिर वहीं हुआ
कोरोना के संदिग्ध संक्रमितों की रिपोर्ट नहीं आने से उन्हें लगातार आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहना पड़ रहा है। इन हालात में लगातार भर्ती रहने वालों के सब्र का बाध टूट रहा है। इस स्थिति को लेकर दैनिक भास्कर ने एक दिन पहले और पहले भी कई बार अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन को चेताया था, बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे और कैदी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर भागने में सफल हुआ।
दो पुलिस कर्मियों की तैनाती नाकाफी
आइसोलेशन वार्ड में कैदी के भर्ती होने के मद्देनजर दो पुलिस कर्मियों को आइसोलेशन वार्ड के गेट पर तैनात किया गया था। जबकि वार्ड में बाहर निकलने के गेट एक से ज्यादा हैं तो ऐसे में उन सभी जगहों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिये। लेकिन इसे लेकर न तो अस्पताल प्रबंधन और न ही पुलिस अधिकारियों ने कुछ संज्ञान लिया। जिसका नतीजा हुआ कि सुरक्षा में सेंध लगाकर कैदी भाग निकला और वहां तैनात पुलिस कर्मियों को उस समय इसकी भनक तक नहीं लगी।
टीआई व आरक्षक पुरस्कृत
फरार कैदी को दबोचने वाले पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को पुलिस अधीक्षक ने ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये नगद पुरस्कार भी दिया है। बताया जाता है कि वैढऩ टीआई अरूण पांडेय के निर्देश पर आरक्षक जितेन्द्र सिंह सेंगर ने फरार कैदी की खोजबीन करते जयंत क्षेत्र पहुंचे थे। वहां उन्होंने जयंत बस पड़ाव से उसे दबोच लिया था।
इनका कहना है
आइसोलेशन में भर्ती कैदी के फरार होने के बाद उसे पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है। हमारे पास जो इंतजाम हैं उसके तहत व्यवस्था की गई है। फिर भी इस घटना से सबक लेते हुये सुरक्षा इंतजाम और भी पुख्ता करने का प्रयास करेंगे। कोरोना की रिपोर्ट को लेकर मैं खुद बार-बार रीवा की लैब में पता कर रहा हूं, लेकिन कोई अपडेट नहीं मिल पा रही है।
- डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ
Created On :   2 May 2020 4:01 PM IST