पूर्व मंत्री को निगम आयुक्त ने भेजा 5 करोड़ रुपए मानहानि का नोटिस 

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पूर्व मंत्री को निगम आयुक्त ने भेजा 5 करोड़ रुपए मानहानि का नोटिस 

जारी है टकराव : यदि भुगतान न हुआ तो न्यायालयीन प्रक्रिया अपनाने की कर ली तैयारी

डिजिटल डेस्क  रीवा । रीवा में पूर्व मंत्री व विधायक राजेन्द्र शुक्ल और आयुक्त नगर निगम सभाजीत यादव के बीच विवाद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर दोनों के विवाद सुर्खियों में है। नगर निगम आयुक्त ने पूर्व मंत्री शुक्ल को 5 करोड़ की मानहानि नोटिस भेज दिया है। साथ ही  उन्होंने पूर्व मंत्री सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर नोटिस के माध्यम से निशाना साधा है। पूर्व मंत्री को भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि यदि भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो मानहानि के लिए विधिक कार्यवाही करने हेतु न्यायालयीन प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। ज्ञात हो कि इसके पहले नगर निगम आयुक्त आवास अनियमितता को लेकर 4 करोड़ से अधिक की वसूली का नोटिस पूर्व मंत्री को जारी कर चुके हैं। जिसके बाद रीवा की राजनीति में हडक़ंप मच गया था और भाजपा नेताओं के विवादस्पद बोल भी चर्चा में रहे थे। 
सामाजिक प्रतिष्ठा गिराने के साथ दी मानसिक प्रताडऩा
तीस दिसम्बर को आयुक्त ने रीवा विधायक को मानहानि क्षतिपूर्ति देने के लिए पांच करोड़ का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर सार्वजनिक रूप से उनके बारे में पूर्व मंत्री ने बातें कही है। जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर असर हुआ है और इसके साथ ही मानसिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ा है। इतना ही नहीं बल्लभ भवन मंत्रालय पर सवाल उठाकर पूर्व मंत्री ने गरिमा को ठेस पहुंचाया है। जबकि वे खुद मंत्री रहने के दौरान इस संस्था से जुड़े थे। नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव ने कहा कि जब उन्हें उप सचिव राजस्व बनाया गया था उस दौरान करोड़ों रुपए की भू.अभिलेख पुस्तिका और उसकी छपाई के भुगतान संबंधी नस्ती लंबे समय तक बल्लभ भवन में घूमती रही। क्योंकि भू.अभिलेख ऋण पुस्तिका पर फोटो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के छपे थे। जिसके कारण उसका वितरण नहीं कराया गया था। उस समय भी मुझे यह देखकर बहुत कष्ट हुआ था कि सार्वजनिक धन का अपव्य केवल इस कारण किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री की फोटो उस पर नहीं लगी थी। आईएएस संवर्ग ने सेवा प्रारंभ होने के बाद पुन: मेरी पदस्थापना बल्लभ भवन में की गई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं दो.तीन अधिकारियों द्वारा मेरी पदस्थापना रोकी गई। क्योंकि वर्ष 2013 की चयन समिति की बैठक के पश्चात मेरा चयन हो चुका था। परन्तु मेरा सन्निष्ठा प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया। इस तथ्य से भी आपको अवगत कराना चाहूंगा कि जिस आरोप को आधार बताकर सन्निष्ठा प्रमाण पत्र रोका गया था उस आरोप पर वर्तमान में पदस्थ मुख्य सचिव सहित लगभग एक दर्जन आईएएस संवर्ग के अधिकारियों द्वारा तथ्यात्मक रूप से स्थिति स्पष्ट की गई थी कि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता किया जाना नहीं पाया गया। उप सचिव के नीचे स्तर पर मेरी अनियमितता नहीं पाई गई।
 

Created On :   3 Jan 2020 9:11 AM GMT

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