लड़की के साथ रेप के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा

court sentenced 20 years imprisonment to accused in rape case
लड़की के साथ रेप के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा
लड़की के साथ रेप के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली(वैढऩ)। किशोरी की विवशता को फायदा उठा उसकी बुआ के दामाद ने एक बार धमका कर अस्मत क्या लूटी, जब भी आता मनमानी करता रहा, उक्त सिलसिला यहीं नहीं रूका उसके गर्भवती होने पर भी बाज नहीं आया। हिर्रवाह गांव कोतवाली थाना वैढऩ निवासी आरोपी द्वारा वारदात को लगभग 3 वर्ष पूर्व अंजाम नंदगांव में दिया था। विशेष  न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत ने पीडि़ता के कथन, चिकित्सकीय पुष्टि तथा डीएनए जांच परिणाम आधार पर आरोपी को गंभीर अपराधिक वारदात में दोषी करार दिया। विशेष न्यायाधीश उमेश चन्द्र मिश्र की अदालत ने अभियुक्त प्रदीप पनिका निवासी हिर्रवाह को भादस की धारा 376(2)आई के अधीन 10 वर्ष का कठोर कारावास सहित 1 हजार रूपए अर्थदंड की सजा का फैसला सुनाया है। न्यायालय ने अभियुक्त को भादस की धारा 376(2)(एच) के अधीन भी 10 वर्ष के कठोर कारावास सहित 1 हजार रूपए अर्थ दंड की सजा मुकर्रर की है। इसी तरह न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 5(एल) सहपठित की धारा 6 पाक्सो एक्ट 2012 के अधीन 1 हजार रूपए अर्थ दंड की सजा से दंडित किया है। न्यायायलय ने फैसले में यह भी आदेशित किया है कि अर्थ दंड की राशि संदाय होने व अपील अवधि पश्चात समस्त राशि पीडि़ता को बतौर प्रतिकर प्रदाय की जाय।
राज्य सरकार का यह उत्तर दायित्व भी-
विशेष न्यायाधीश श्री मिश्र की आदलत में चलित उक्त विशेष प्रकरण पर फैसला देते वक्त यह माना कि किशोरी ने अभियुक्त के कृत्य व आचरण से ऐसा संघात झेला है, जो उसे ताजिंदगी व्यथित करता रहेगा। वह मानसिक रूप से सदैव  अव्यवस्थित रहेगी। अभियुक्त के आचरण व कृत्य से पीडि़ता ही नहीं उसका पूरा परिवार व्यथित हुआ है। अभियुक्त के कृत से पीडि़ता ने एक संतान को जन्म दिया, इस संतान को भी निराश्रित की स्थिति में कर दिया। अदालत का यह भी मानना है कि उक्त संदर्भित प्रतिकर की राशि अत्यंत तुच्छ होगी, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार का यह उत्तरदायित्व हो जाता है कि पीडि़ता की आर्थिक सहायता करने में उद्धत हो। अत: यह अपेक्षित की जाती है कि मप्र अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना 2015 के नियम 6 के अधीन जिला विधिक प्राधिकरण एक समुचित प्रतिकर निर्धारित करे और इस प्राधिकरण से यह अपेक्षा की जाती है कि उक्त नियम 6.6 को ध्यान में रखते हुए प्रतिकर का निर्धारण इस अनुशंसा प्राप्ति के 60 दिवस के भीतर करे व न्यायालय को अवगत कराये। न्यायालय में उक्त विशेष प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी महेन्द्र सिंह गौतम डीपीओ ने की।

 

Created On :   28 Dec 2017 1:16 PM IST

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