ट्रॉमा सेंटर से इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर नदारद, सर्पदंश से किशोर की मौत!

Emergency duty doctor absent from trauma center, teenager dies of snake bite
 ट्रॉमा सेंटर से इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर नदारद, सर्पदंश से किशोर की मौत!
 ट्रॉमा सेंटर से इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर नदारद, सर्पदंश से किशोर की मौत!

सर्पदंश पीडि़त किशोर की तबियत बिगडऩे पर नहीं मिल रहा था कोई डॉक्टर, जमकर हुआ हंगामा
डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (वैढऩ)।
ट्रॉमा सेंटर में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला बुधवार को सामने आया है। दरअसल, यहां बुधवार की सुबह सर्पदंश से पीडि़त यूपी के शक्तिनगर निवासी 13 वर्षीय किशोर अजय को उसके परिजनों द्वारा भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसका इलाज भी शुरू हो गया था, लेकिन कुछ देर बाद उस किशोर की हालत बिगडऩे लगी। जिससे उसके परिजन भागे-भागे इमरजेंसी वार्ड में गये, जहां उन्हें कोई डॉक्टर नहीं मिला। जिससे वह डॉक्टर की तलाश में ट्रॉमा में इधर-उधर भटकते रहे लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिल पाया। हालांकि, इस दौरान ड्यूटीरत अन्य मेडिकल स्टाफ किशोर को गंभीर हालत से बाहर निकालने के प्रयास में लगा था, लेकिन डॉक्टर के अभाव वह भी कुछ खास नहीं कर पा रहे थे। इसी दौरान देखते ही देखते मासूम किशोर अजय की सांसें थम गईं। इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूटा और आक्रोशितों ने जमकर हंगामा किया। वहीं, दूसरी ओर मामले की भनक जब ट्रॉमा सेंटर (जिला अस्पताल) प्रबंधन को लगी, तो आनन-फानन में एक अन्य डॉक्टर को इमरजेंसी ड्यूटी के लिये भेजा गया।
नेहरू अस्पताल ने खड़े किये हाथ
सर्पदंश पीडि़त किशोर की मौत के पहले की घटना को लेकर बताया जा रहा है कि यह किशोर मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात जब सो रहा था, तब उसे सर्प ने शरीर में दो जगहों पर काट लिया था। इसके बाद उसके परिजन उसे लेकर नजदीकी एनटीपीसी शक्तिनगर के अस्पताल पहुंचे। जहां उसे भर्ती कर करीब दो-ढ़ाई घंटे उपचार किया गया, लेकिन उसकी स्थिति न सुधरने पर वहां से नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया। नेहरू अस्पताल ने किशोर की गंभीर हालत देखते हुये इलाज दे पाने से हाथ खड़े कर दिये और किशोर के मजबूर परिजन उसे ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे।
बिना सूचना डॉक्टर ड्यूटी से नदारद क्यों?
इस मामले में ड्यूटी से नदारद पायी जाने वाली चिकित्सक डॉ. मिनाक्षी बतायी जा रही हैं। 
बताया जा रहा है कि उन्हें किसी इमरजेंसी कार्य से जिले से बाहर जाना पड़ा है, लेकिन ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि जब उनकी इमरजेंसी ड्यूटी थी, तो कायदे से उन्हें अपने जिम्मेदार अधिकारियों में आरएमओ, सीएस या सीएमएचओ को तो इसकी जानकारी देनी चाहिए। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया। ऐसे में मामला गंभीर लापरवाही के रूप में भी बन रहा है।
भालू के हमले से घायल युवक भी भटका इलाज की खातिर
बुधवार की सुबह ही भालू के हमले से गंभीर हालत में खुटार क्षेत्र निवासी 42 वर्षीय एक युवक भी ट्रॉमा सेंटर इलाज कराने पहुंचा, लेकिन मौके पर चिकित्सक नहीं मिल पाने से उसे भी इलाज के लिये काफी देर तक भटकना पड़ा। घायल का नाम शिवराज बताया जा रहा है, जिसे देर-सबेर चिकित्सकीय उपचार तो मिला और उसे वार्ड में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि भालू के हमले में युवक की जांघ और सिर पर काफी गहरे जख्म हुये हैं।
इनका कहना है
जब सर्पदंश पीडि़त किशोर की मौत हुई, तो उस दौरान ड्यूटी डॉक्टर मिनाक्षी की थी, लेकिन उन्होंने मुझे जानकारी ही नहीं दी थी कि वह ड्यूटी में नहीं आ सकती हैं। इसलिये उनकी इस लापरवाही पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा और नियमत: कार्यवाही करने में भी कोताही नहीं की जाएगी।
- डॉ. उमेश सिंह, आरएमओ जिला अस्पताल
 

Created On :   22 Oct 2020 10:19 AM GMT

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