किसानों को नहीं मिल रहा सोयाबीन का उचित दाम, मंडी में हो रही लूट

Farmers are not getting fair price of soybean, loot is being done in the market
किसानों को नहीं मिल रहा सोयाबीन का उचित दाम, मंडी में हो रही लूट
किसानों को नहीं मिल रहा सोयाबीन का उचित दाम, मंडी में हो रही लूट

डिजिटल डेस्क, वर्धा। बेमौसम बारिश के बाद बचे हुए सोयाबीन अब बाजार में बिक्री के आ रहे हैं। इस कारण कृषि उपज बाजार समिति सहित निजी व्यापारियों के यहां सोयाबीन की आवक बढ़ गई  है। केंद्र शासन ने सोयाबीन का समर्थन दाम 3 हजार 710  प्रति क्विंटल घोषित किया है लेकिन वास्तव में किसानों को  कम दाम दिए जा रहे हैं। सोयाबीन खरीदते समय सोयाबीन के दानों में रहने वाली नमी की जांच करने के बाद सोयाबीन का दाम तय किया जा रहा  है। इसके लिए किसी भी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। सोयाबीन का दाना दांत में दबाकर व्यापारी सोयाबीन की नमी की जांच कर रहे हैं जिससे  खुलेआम किसानों की लूट माना जा रहा  है।

गौरतलब है कि इस वर्ष बारिश व बदरीले वातावरण के कारण सोयाबीन खराब हो गयी है। अनेक किसानों के सोयाबीन  बारिश के कारण सड़ गए हैं तो कुछ स्थानों पर सोयाबीन अंकुरित हो गए हैं। बचा हुआ सोयाबीन किसान अब बाजार समिति में बेचने के लिए लाया जा रहा है । दिवाली के आसपास अधिकतर बाजार में  सोयाबीन के दाम 2 हजार 100 रुपए से लेकर 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल था। इस बार अधिक नमी के कारण वजन बढ़ रहा है। जिसके कारण  सोयाबीन के दाम घटे हैं। फिलहाल सिंदी रेलवे कृषि उपज बाजार समिति में अच्छे प्रति के सायाबीन के दाम 3 हजार से 3 हजार 6०० प्रति क्विंटल व  वापसी के बारिश का शिकार हुए सोयाबीन के दाम 1 हजार 6०० से 2 हजार 7 ०० रूपए प्रति क्विंटल है।

व्यापारी सोयाबीन खरीदी करते समय सोयाबीन की नमी की जांच करते है। इस के लिए किसी भी मशीन का इस्तेमाल ना करते हुए व्यापारी सोयाबीन का दाना दांत में दबाकर जांच करते हैं। दाना कड़ा लगने पर अच्छे दाम दिए जाते हैं। मात्र सोयाबीन का दाना सहजता से दब गया हो उस में नमी होने का कारण बताकर किसानो को कम दाम दिए जाते हैं। वास्तव में इस पद्धति के कारण सोयाबीन में कितनी नमी है, यह बात स्पष्ट नही होती है। सोयाबीन में कितने प्रमाण में नमी रहना चाहिए, इसकी भी जानकारी नही होती है। इसी का फायदा लेकर व्यापारी किसानो की लुट कर रहे है। सिंदी के कृषि उपज बाजार समिति में भी इसी पद्धति से सोयाबीन की नमी की जांच की जाती है। इस समिति में मॉइश्चर की जांच करने की मशीन उपलब्ध होने पर भी व्यपारी इस का इस्तेमाल नही करते है। इस के अलावा किसानो की ओर से भी कोई आग्रह की भूमिका नही लेते है। किसी किसान ने मशीन से जांच करने की मांग की तो उसे फटकार लगायी जाती है। सिंदी कृषि उपज बाजार समिति में मशीन उपलब्ध है। मात्र इस का इस्तेमाल नही होता है। सोयाबीन में मॉईश्चर की जांच मशीन द्वारा की जाए, इस के लिए बाजार समिति के व्यवस्थापन द्वारा जनजागृति नही करते दिखाई दे रहा है।

 

Created On :   16 Nov 2019 8:12 AM GMT

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