पिता की तेरहवीं पर नहीं किया मृत्यु भोज, स्वास्थ्य कर्मचारियों को भेंट की 13 पीपीई किट

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पिता की तेरहवीं पर नहीं किया मृत्यु भोज, स्वास्थ्य कर्मचारियों को भेंट की 13 पीपीई किट

डिजिटल डेस्क खजुराहो । पिता की मृत्यु पर एक रिटायर्ड इंजीनियर ने अनूठी पहल की है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे डॉक्टरों को उन्होंने पीपीई किटें प्रदान कीं। इस रिटायर्ड इंजीनियर ने सामाजिक परम्परा को तोड़ते हुए पिता की तेरहवीं नहीं की। उन्होंने तेरहवीं के दिन मृत्यु भोज पर खर्च होने वाली राशि से 13 पीपीई किटें खरीदी हैं। राजनगर बीएमओ को किटें भेंट करते हुए उन्होंने कहा कि इस कठिन दौर में जो अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना से लड़ रहे हैं। हम उनके लिए जो भी कर सकें वह कम है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों की मेहनत देख मिली प्रेरणा  
खजुराहो की मायहोम्स कॉलोनी में रहने वाले रिटायर्ड केमिकल इंजीनियर सुरेन्द्र सिंह के 98 वर्षीय पिता मोती सिंह का 13 दिन पहले निधन हो गया था। मोती सिंह का निधन इलाज के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर में हुआ था। सुरेन्द्र सिंह के पिता का इलाज जब राजनगर हॉस्पिटल में चल रहा था तो इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने के लिए कठिन मेहनत कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को देखा। बहुत से कर्मचारी बगैर पीपीई किट के भी काम कर रहे थे। इस दौरान सुरेन्द्र सिंह ने पता किया कि एक पीपीई किट कितने रुपए की आती है। उन्हें बताया गया कि अच्छी पीपीई किट की कीमत 900 से 1200 रुपए तक है। ऐसे में सभी कर्मचारियों को पीपीई किट मिल पाना मुश्किल हो रहा है। इधर उनके पिता का निधन हो गया। सुरेन्द्र सिंह तभी तय कर लिया था कि वे तेरहवीं पर खर्च होने वाली राशि इन कोरोना योद्धाओं पर खर्च करेंगे।
पिता की आत्मा को मिलेगी शांति 
सुरेन्द्र सिंह के पिता मोती सिंह की बुधवार को तेरहवीं थी। उन्होंने तेरहवीं के दौरान कराया जाने वाला मृत्यु भोज नहीं कराया। इस भोज पर खर्च होने वाली राशि से उन्होंने 13 पीपीई किटें खरीदी। वे किटें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर पहुंचे। यहां उन्होंने बीएमओ डॉ. पंकज रस्तोगी और कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. विनीत शर्मा को 13 पीपीई किटें भेंट कीं। बीएमओ डॉ. रस्तोगी ने सुरेन्द्र सिंह को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर सुरेन्द्र सिंह का कहना था कि मृत्यु के बाद तेरहवीं पर भोज आत्मा की शांति के लिए कराते हैं। अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मैंने पीपीई किट दी है। ऐसे में मुझे विश्वास है कि मेरी पिताजी की आत्मा को मेरे काम से शांति मिलेगी।
 

Created On :   21 May 2020 1:09 PM GMT

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