फॉग सेफ डिवाइस के जरिये होगा ट्रेनों का संचालन

Fog safe device will operate trains
फॉग सेफ डिवाइस के जरिये होगा ट्रेनों का संचालन
फॉग सेफ डिवाइस के जरिये होगा ट्रेनों का संचालन


डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (मोरवा)। कुहरे के सीजन में रेलों के सुरक्षित परिचालन को लेकर उपयोग किये जाने वाले स्मोक बम पद्धति अब पुरानी हो चली है। जल्द ही इनका उपयोग बंद किया जायेगा रेलवे ने ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन के  लिये एक अतिरिक्त सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध कराई जिसके जरिये चालक सिग्नल की जानकारी कर सकेगें। जिसके लिये सभी चालकों को शीघ्र ही प्रशिक्षित किया जायेगा और वे सभी अपनी ड्यूटी ऑन करने के समय ही इस डिवाइस का उपयोग करेगें जिसे सभी मंडलों में लॉबीवाइज किया जा रहा है।
    हालांकि अभी तक इस डिवाइस का इस्तेमाल सभी ट्रेनों में नही हो  पाया है लेकिन कुहरे वाले क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जा रहा है। बीते दिनों चोपन- सिंगरौली रेलखंड में भी इसका उपयोग परीक्षण  किया जा चुका है। इस डिवाइस के  अनिवार्यत: उपयोग को लेकर मुख्य विद्युत अभियंता लोको हाजीपुर के द्वारा दिशा निर्देश जारी किये जा  चुके हैं। जिसके बाद से चालकों को प्रशिक्षित करने और उनकी काउंसिलिंग किया जाना शुरू कर दिया गया है। इस प्रशिक्षण कार्य को पूरा करने और डिवाइस के संचालन के तरीके संबंध में जानकारी देकर रिपोर्ट मांगी गई है। रेल सूत्रों से मिली जानकारी के  मुताबिक यह एक चार्जेबल डिवाइस है जिसे कुहासा होने पर ही ऑन किया जाना है और ड्यूटी शुरू करते समय साथ लेकर जाना होगा। गंतव्य तक पहुंचने के बाद इसे फिर चार्ज किया जायेगा जिससे ड्यूटी शुरू होने तक वह कार्य करने के  लिये तैयार किया जा सके।
ऐसे करेगा कार्य
फॉग सेफ डिवाइस के एंटीना को जीपीएस एंटीना से सेट किया जायेगा और उसे वही पर फिक्स कर दिया जायेगा। एंटीना के दूसरे छोर को लोको खिडक़ी के बाहर लगाया जायेगा जिसमें एक चुम्बक लगा होगा और वह वही पर चिपक जायेगा। इसे ऑन करने पर फॉग डिवाइस की स्क्रीन ऑन हो जायेगी जिसके बाद कुछ आवाजें आएंगी और आवाज बंद होने के बाद इंटर बटन दबाना होगा। इंटर करते ही रूट लॉगिंग के लिये आवाज आयेगी उसके बंद होने पर एक बार फिर इंंटर करने पर रूट आ जायेगा जिस रूट पर जाना है उसे अप डाउन कर के सेट करना होगा, रूट सेलेक्ट करते ही फॉग सेफ डिवाइस पूरी तरह से तैयार हो जायेगा। इस डिवाइस को चार्ज करने के  लिये सभी लॉबियों में व्यवस्थाएं की गई है।
अनिवार्य उपकरणों में शुमार
रेलवे ने इस डिवाइस को भी अनिवार्य उपकरणों में शुमार किया है जिसके उल्लंघन पर चालक को दंडित किये जाने का नियम बनाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि चालक दल पूरी तरह से इस डिवाइस पर निर्भर नही रहेगें। इसके लिये छूट प्रदान नही की जायेगी अत: चालक को पहले की तरह अपने स्वविवेक से ट्रेनों की रफ्तार व कोहरे की मात्रा का आकलन करना होगा। पूमरे में फॉग सेफ डिवाइस के उपयोग के लिये मुख्य बिजली लोको इंजीनियर व मुख्य चल शक्ति इंजीनियर के द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये।
बताएंगा स्टेशन व सिग्नल की स्थिति
इस डिवाइस के जरिये सभी स्टेशनों व आने वाले सिग्नल की जानकारी डिवाइस स्क्रीन पर देखी जा सकेगी। जिसके अनुसार ट्रेनों का परिचालन किया जायेगा। बताया जाता है कि फिलहाल फॉग बम पद्धति का इस्तेमाल भी आवश्यकतानुसार किया जायेगा लेकिन फॉगमैन की कमी होने अथवा रेलपथ पर कुहरे वाले स्थान पर उनकी उपस्थिति न होने पर यह डिवाइस सुरक्षित रेल परिचालन में मददगार साबित होगी।

 

Created On :   27 Dec 2017 11:01 AM GMT

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