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- Four british era cannons found during excavation at kasturchand park
दैनिक भास्कर हिंदी: कस्तूरचंद पार्क में खुदाई के दौरान मिली ब्रिटिशकालीन 4 तोपें, सौंदर्यीकरण का चल रहा है कार्य

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मनपा को खुदाई के दौरान कस्तूरचंद पार्क (केपी ग्राउंड) में ब्रिटिशकालीन 4 तोपें मिली हैं। इससे प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। यह खबर शहर में फैलते ही उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग केपी ग्राउंड में पहुंच गए। यह तोपें सन् 1813 से 1817 के बीच की बताई जा रही हैं। इन तोपों को आर्मी ने अपने कब्जे में ले लिया है।
तोपों के साथ खड़ा करने का स्टैंड भी मिला
मनपा की तरफ से केपी ग्राउंड के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। ग्राउंड में बगीचा, पार्किंग, वॉकिंग ट्रैक बनाया जा रहा है। मैदान में पानी जमा न हो, इसलिए ड्रैगन लाइन डालने के लिए जेसीबी से जमीन की खुदाई की जा रही है। बुधवार रात करीब 9 बजे खुदाई के दौरान जेसीबी के पंजे से लोहे जैसी भारी वस्तु टकराई। उसके बाद खुदाई करने पर एक-एक कर 4 तोपें निकलीं। इनके साथ ही तोपों को खड़ा करने का स्टैंड भी मिला है। ये ब्रिटिशकालीन तोपें हैं। सूचना मिलने पर मनपा, पुलिस, व पुरातत्व विभाग की टीमें गुरुवार दोपहर को घटनास्थल पहुंचीं और जांच-पड़ताल की।
भोसले के वंशज भी पहुंचे
इतिहसकारों की मानें तो सन् 1817 में दूसरे भोसले राजे का ब्रिटिश सेना के साथ युद्ध हुआ था। सीताबर्डी से लेकर केपी ग्राउंड तक रणभूमि का क्षेत्र बन गया था। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना की जीत हुई थी। युद्ध के बाद ये तोपें यहीं रह गई। समय के साथ ताेपें जमीन में धंसती चली गईं। भोसले के वंशज राजे मुधोजी भोसले भी घटनास्थल पहुंचे आैर तोपों के बारे में जानकारी ली।
1882 में कस्तूरचंद को मिली थी यह जगह
अंग्रेजों ने 1882 में यह जगह (अब केपी ग्राउंड) कस्तूरचंद डागा को दी थी। 1908 में यहां एक प्रदर्शनी होनी थी, जिसमें देश-विदेश से नामी लोग शिरकत करनेवाले थे। कस्तूरचंद डागा ने यहां पैवेलियन व स्मारक बनाने के लिए अपनी तरफ से 25 हजार रुपए दिए थे। 1908 में इस जगह पर पार्क बनाया गया, जिसे कस्तूरचंद नाम दिया गया। फिर स्मारक बनाया गया, जो अब हेरिटेज में शामिल है। पार्क के समीप ही कस्तूरचंद डागा की प्रतिमा भी लगी हुई है।
स्मारक के समीप मिली हैं
कस्तूरचंद पार्क में स्मारक के पास तीन तोपें लगी हुई हैं। एक तोप उत्तर दिशा, एक तोप दक्षिण व एक तोप पूर्व दिशा की आेर है। जेसीबी से स्मारक के पास ही खुदाई हो रही थी। तोप के समीप ही ये चार तोपें जमीन में मिलीं।
आजादी के बाद लगाई गई तोपें
केपी ग्राउंड में स्मारक के पास जो तीन तोपें लगाई गई हैं, वह आजादी के बाद लगाई गई हैं। जो तोपें निष्क्रिय हो जाती हैं, उसे मॉडल के रूप में लगाया जाता है। युवा पीढ़ी को इन पुराने हथियारों के बारे में पता चल सके, यह उद्देश्य होता है। विभागीय आयुक्तालय में भी तोप लगाई गई है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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