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खुलेआम बिक रहे स्टीकर लगे फल, खाद्य विभाग खामोश
सिंगरौली वैढऩ। महानगरों की तर्ज पर सिंगरौली में भी खुलेआम स्टीकर लगे फलों को बेचा जा रहा है। इस पर अब तक कार्रवाई करने की दिशा में खाद्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्लेखनीय है कि रायपुर सहित कई शहरों में इन फलों की जांच में स्टीकर की गोंद में घातक कैमिकल मिले हैं। जांच के दौरान पता चला है कि स्टीकर लगे फलों में खतरनाक गोंद मिला है। इसी गोंद को फलों में चिपका दिया जाता है। स्टीकर निकालने के बावजूद भी वह गोंद नहीं निकल पाता है। साथ ही गोंद में घातक कैमिकल भी मिले है। जिससे कैंसर तक का खतरा है। फिर भी मौसमी फलों में यही स्टीकर लगाकर बेचा जा रहा है।
सप्लायर ही भिजवा रहे स्टीकर लगे फल
दरअसल, फलों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट के दौरान यानी जहां से फलों की पैकिंग हो रही है। वहीं से स्टीकर लगाकर भेजा जा रहा है। लिहाजा स्टीकर को हटाया भी नहीं जा रहा है। इतना ही नहीं, स्टीकर वाले फल घातक होने का व्यापारी दावा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दूसरे जगहों से फलों में स्टीकर लगा हुआ मिल रहा है।
यहां जांच करने कोई प्रयास नहीं
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में धड़ल्ले से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर स्टीकर लगे फलों की बिक्री हो रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अब तक बाजार में जाकर फलों की जांच नहीं की। जिसकी वजह से शहर में खुलेआम स्टीकर वाले फल बिक रहे हैं।
जुर्माने के साथ जेल भेजने का भी प्रावधान
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रहण, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़े-गले फलों और सब्जियों का विक्रय भी नहीं कर पाएगा। साथ ही फलों में मोम, खनिज तेल या अन्य रंगों से पॉलिश कारोबारी नहीं कर सकते है। ऐसा करने पर
कारोबारी पर जुर्माने का भी प्रावधान है। साथ ही जेल भी भेजा जा सकता है।
इसलिए घातक हैं स्टीकर वाले फल
स्टीकर वाले फलों के गोंद में कैंसर कारक पाए गए हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यह खतरनाक कैमिकल है, जो कि फलों के भीतर पहुंच जाता है। वही गोंद कुछ समय के बाद घातक होने पर लोगों के लिए खतरनाक हो जाता है। इसकी पहले जांच हुई है। इस दौरान स्टीकर में भी ऐसे लक्षण पाए गए।
पॉलिश की भी जांच नहीं कर पाए
मार्केट में बिकने वाले फल चमकते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि फलों की चमक पॉलिश होने पर होती है। पॉलिश किए जाने से फल ताजा भी दिखते है। लिहाजा ऐसे फलों की जांच भी नहीं करते। जांच नहीं होने की वजह से व्यापारी घातक कैमिकल वाले फलों को बेच रहे है। पॉलिश की जांच भी नहीं करवाई जाती है।
ब्रांड और क्वालिटी दिखाने स्टीकर
फलों पर जो स्टीकर चिपके होते हैं, उन पर व्यापारी के ब्रांड का नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा हुआ होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जें का दिखाने के लिए करते है। ऐसा पिछले कई सालों से चल रहा है। फि र भी जिम्मेदार कार्रवाई तक नहीं कर पाए।
Created On :   9 Dec 2019 5:55 PM IST