पुलिस हस्तक्षेप के बाद समाजसेवी की निजी भूमि पर हो सका अंतिम संस्कार

Funeral could be done on private land of philanthropist after police intervention
पुलिस हस्तक्षेप के बाद समाजसेवी की निजी भूमि पर हो सका अंतिम संस्कार
पुलिस हस्तक्षेप के बाद समाजसेवी की निजी भूमि पर हो सका अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क  रीवा । बुजुर्ग दलित महिला के अंतिम संस्कार को लेकर मनगवां क्षेत्र में मंगलवार को दिनभर तनाव की स्थिति बनी रही। गांव में श्मशान भूमि न होने के कारण ग्रामीण शव लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। वहीं जब प्रशासन अंतिम संस्कार करने गांव पहुंचा, तो दूसरे वर्ग के लोग विरोध पर उतर आए। जिसके बाद दोनों वर्ग के लोग आमने सामने आ गए। लिहाजा मौके पर पुलिस बल तैनात करना पड़ा। बाद में एक समाजसेवी ने श्मशान के लिए निजी भूमि दान की, उसके बाद अंतिम संस्कार हो सका। 
जानकारी के अनुसार, तिवनी डुबकी टोला निवासी दुअसिया साकेत नामक बुजुर्ग महिला की मौत सोमवार देर शाम हो गई। जिसका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह होना था। लेकिन, गांव में श्मशान भूमि न होने के कारण ग्रामीणों के सामने दुविधा की स्थिति बन गई कि अंतिम संस्कार कहां करें। जिसके बाद करीब एक सैकड़ा ग्रामीण शव लेकर एसडीएम कार्यालय मनगवां पहुंच गए और धरना देने लगे।  जब एसडीएम एके सिंह को पता चला, तो उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि गांव के अंदर मौजूद शासकीय भूमि पर अंतिम संस्कार कर दो। जिस पर ग्रामीणों ने बताया कि अन्य ग्रामीण विरोध करते हैं। जिसके बाद एसडीएम खुद ग्रामीणों के साथ शव को लेकर गांव पहुंच गए और शासकीय तालाब के पास अंतिम संस्कार कराने को कहा। लेकिन, तभी दूसरे वर्ग के लोग विरोध करने पहुंच गए। उनका कहना था कि तालाब सार्वजनिक उपयोग में है, यहां अंतिम संस्कार नहीं हो सकता। स्थिति विवाद की बनने लगी। जिसके बाद चार थाने गढ़, लौर, रायपुर कर्चुलियान व मनगवां के बल को मौके पर तैनात किया गया। वहीं एएसपी विजय डाबर भी मौके पर पहुंचे। विवाद बढ़ते जा रहा था। इसी बीच समाज सेवी विकास तिवारी सामने आए और 12 डिसमिल जमीन श्मशाम के लिए दान की। जिसके बाद बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार हो सका। 
 

Created On :   30 Dec 2020 1:57 PM IST

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