गोंदवाली को बनाया जाएगा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन

Gondwali will be the largest railway junction
गोंदवाली को बनाया जाएगा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन
गोंदवाली को बनाया जाएगा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। सब कुछ इसी गति से चलता रहा तो बरगवां से महज 7 किमी दूर सिंगरौली की ओर गोंदवाली जिले के सबसे बड़े जंक्शन का रूप ले लेगा। पश्चिम मध्य रेल जबलपुर ने इस हाल्ट को विकसित करने के लिये एक बड़ा मालगोदाम बनाने का काम शुरू कर दिया है। जो आगामी 4 से 5 माह में तैयार हो जाना बताया जा रहा है। इसके अलावा आगामी 2022 तक तक इसी स्टेशन में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन भी आकर मिलेगी। जिससे गोंदवाली जिसे अभी तक हाल्ट के रूप में देखा जा रहा है वहां पर लगभग सभी टे्रनों के ठहराव के साथ ही साथ लोङ्क्षडग व अनलोडिंग का कार्य किया जा सकेगा। बीते दिनों को-आर्डिनेशन मीटिंग में पहुंचे पमरे डीआरएम मनोज सिन्हा ने भी इस स्टेशन का विधिवत निरीक्षण किया था और सभी प्रकार की संभावनाओं पर विचार किया था। पहले से प्रपोज्ड कार्य को तेजी से करने को लेकर दिशा निर्देश जारी किये थे। वस्तुत: गोंदवाली अभी तक पमरे मंडल का महज एक हाल्ट है जिससे यहां पर कोई पैंसिजर टे्रन भी नहीं रूकती है जिसको लेकर बीते दिनों स्थानीय लोगों ने मांग की थी कि सन् 80 के दशक तक यहां पर रूकने वाली चोपन कटनी पैसेंजर का ठहराव पुन: किया जाये लेकिन अभी तक इस प्रकार की कोई सुविधा यहां पर शुरू नहीं हो सकी है। सिंगरौली और महदेइया तक पूमरे मंडल का क्षेत्र होने के कारण अधिकांश कोल लोडिंग यहीं से होती रही है। लेकिन लोडिंग बढऩे से कोयला उपभोक्ताओं को समय पर कोयला न मिल पाने से यहां पर दबाव बढ़ गया था। जिसकी कमी को पूरा करने के  लिये पमरे के अधिकारियों ने रात दिन एक कर दिया और अंतत: सिंगरौली में दशकों से कोललोडिंग करा रही बड़ी कम्पनियों को पमरे मंडल में जोड़ लिया। जिनके लिये पमरे ने बीते महीने ही बरगवां रेलवे स्टेशन में अस्थाई कोलयार्ड भी शुरू कर दिया है जिस पर अभी तक पर्यावरणीय स्वीकृतियों बाकी होना बताया जा रहा है।
कमाई की, नहीं बढ़ाई सुविधाएं
रेल सूत्रों की मानें तो पूमरे धनबाद मंडल का सिंगरौली रेलवे स्टेशन सबसे अधिक आय देने वाला स्टेशन है। इस एरिया से पूमरे को हर दिन एनसीएल, एनटीपीसी और पिट हेड पर मौजूद पावर प्लांटों का 30 से 35 रैक कोयले की लोडिंग करने का मौका मिलता है। इस कमाई के कारण दशको पुराने संसाधन पर चल रही मालगाडिय़ों के  लिये न टै्रक की प्रॉपर मरम्मत कराई और न ही लोडिंग प्वाइंट्स पर स्पर लाइनें की बढ़ाई। जानकार बताते हंै कि सिंगरौली रेलवे स्टेशन पर पूरी नौ रेल लाइनें हैं लेकिन फास्ट मूविंग के लिये कम से कम चार एक्स्ट्रा लाइनों की नितांत जरूरत है।
शंटिंग नोज तो बना न सके
बीते दिनों निरीक्षण पर आये पमरे डीआरएम ने कहा था कि हर हाल में दिसम्बर तक सिंगरौली रेलवे स्टेशन के कटनी इड पर शंटिंग नोज बनकर तैयार हो जानी चाहिये लेकिन अभी तक इसे बनाने के लिये कोई उपाय शुरू नही किये गये। बीते दो साल से हर विजिट में मामला यही आकर रूकता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पूमरे ने यहां पर शंटिंग नोज न बना पाने की असमर्थता जता दी है। इसे पूमरे की नाकामी ही कहा जा सकता है जिसका पूरा फायदा जबलपुर मंडल को मिलना तय है।
7 किमी पर होगा धनबाद मंडल
गोंदवाली में मालगोदाम, कोयला यार्ड बना कर पमरे इस स्टेशन से बड़ी कमाई शुरू करने जा रहा है। जिसके बरगवां व आस पास के स्टेशन में बीते 4 साल पहले एक भी उपभोक्ता नहीं था। लेकिन पमरे ने अपनी गतिविधियां बढ़ाते हुए पहले हिंडाल्को को और अब दो निजी ट्रांसपोर्टिंग कम्पनियों को सुविधाएं देनी शुरू कर दी है। जिन्होंनें धनबाद मंडल से अपना किनारा कर लिया है। जल्द ही अन्य कम्पनियों को भी यहां से अपना काम शुरू करने का ऑफर मिलने लगेगा। यहां से महज 7 किमी पर महदेइया स्टेशन होगा जो धनबाद मंडल का आखिरी स्टेशन है।

 

Created On :   14 Dec 2017 8:15 AM GMT

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