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युवाओं ने घर में बनाई बॉडी सेनेटाइजिंग मशीन, कहा- शासन से अनुमति मिले तो नि:शुल्क लगा देंगे
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली। कोरोना वायरस के बारे में जानकारी लेने के लिए लोग टीवी और मोबाइल पर चिपके हुए हैं। बचाव के साधन व संसाधन के साथ ही ऐहतियात जानने के लिए नेट सर्च कर रहे हैं। इसी दौरान गोरबी के तीन युवकों ने नेट में बाडी सेनेटाइजिंग चैम्बर देखा और फिर उसे घर में ही तैयार करने की कोशिश शुरू कर दी। अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई और थोड़े से ही खर्च में उन्होंने एक फुल ह्यूमन बॉडी सेनेटाइजिंग मशीन बना ली। इस मशीन का सही उपयोग हो सके और लोगों को लाभ मिल सके इसके लिए उन्होंने स्थानीय पुलिस प्रशासन से मदद ली। जिसके बाद उस सेनेटाइजिंग चैम्बर को रविवार की सुबह सब्जी बाजार में लगा दिया।
जिससे होकर लगभग ४ से ५ सौ लोग निकले और उन्हें सेनेटाइज्ड किया गया। इसे तैयार करने वाले युवकों का कहना था कि वे इस सिस्टम के जरिए जिला प्रशासन की मदद करना चाहते हैं। इस फुल बॉडी सेनेटाइजिंग सिस्टम को बनाने वाले तीन युवाओं सचिन पांडेय, बादल गुप्ता और मंजीत श्रीवास्तव ने तीन दिन लगातार मेहनत की। लॉक डाउन की वजह से बंद दुकानों से जरूरी समान नहीं जुटा सके तो घरेलू पानी के पाइप और प्लम्बिंग फिटिंग्स को जुटा कर पाइप जोड़े। उनके साथ की कई स्थानों पर नोजल लगाए और आधा हार्स पावर की मोटर से पाइप में पानी को प्रेशराइज्ड कर नोजल के सहारे निश्चित स्थान पर फौव्वारे की तरह चलाने का सिस्टम तैयार कर लिया। इसके साथ एक ४० लीटर के पीवीसी डिब्बे में पानी के साथ १८० मिली एक्साइज सेनेटाइजर, १०० मिलीलीटर एलोवेरा व ग्लिसरीनयुक्त जेल का उपयोग कर स्पे्र किया। मशीन से पीवीसी पॉलीथीन के अंदर चैम्बर का आकार देकर उससे लोगों को गुजारा गया और मोटर चलाकर फुल बॉडी स्पे्र किया जा रहा है।
चौकी प्रभारी ने किया प्रोत्साहित
रविवार की सुबह गोरबी चौकी प्रभारी संदीप नामदेव ने तीनों युवकों को बाजार के मुख्य गेट पर इस चैम्बर को लगाने में मदद की। ऐसी व्यवस्थाएं बनाई कि बाजार जाने वाले और वापस आने वाले हर व्यक्ति को इसी चैम्बर से होकर गुजरना था। तीन घंटे तक लगातार इस मशीन को चलाने के बाद ४० लीटर सेनेटाइजर का उपयोग हुआ। हालांकि पतली धार वाले नोजल की अनुपलब्धता के कारण काफी सेनेटाइजर बह गया, जिसे दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता था। चौकी प्रभारी ने स्वयं उपयोग करते हुए इस सिस्टम में और सुधार करने सेंसर का इस्तेमाल करने और सार्वजनिक उपयोग के लिए लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
जिला अस्पताल में लगाने की चाहत
इस सिस्टम को तैयार करने वाले युवा सचिन पांडेय ने कहा कि यदि जिला प्रशासन कि अनुमति मिले तो हम इस प्रकार का सिस्टम जिला अस्पताल में भी लगा सकते हैं। या फिर जहां पर इसकी आवश्यकता हो वहां उपयोग किया जा सकता है। जिससे आम लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके और जिले को सुरक्षित रखा जा सके। युवाओं के इस प्रयास से गोरबी बाजार के सभी लोगों को किसी दूसरे रास्ते से निकलने की बजाय इसी चैम्बर से होकर गुजारा गया। जो सुबह ९ बजे से लगातार १२ बजे तक चालू रहा।
Created On :   13 April 2020 3:16 PM IST