शिमला: राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के नायकों से बातचीत की

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
शिमला: राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के नायकों से बातचीत की

डिजिटल डेस्क,शिमला। No. 997/2020-PUB 26th July 2020 राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के नायकों से बातचीत की राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज राजभवन में नागा रेजीमेंट के कारगिल युद्ध के नायकों से बातचीत की। इस विशेष दिन पर उन्होंने भारतीय सेना को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में भारत की विजय शानदार थी, जिसमें देश की सीमाओ की रक्षा करते हुए हमारे वीर जवानों ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया। राष्ट्र की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सेना के इस बलिदान और संकल्प के प्रति देशवासी सदा ऋणी रहेंगे। राज्यपाल ने कहा कि अब इतिहास बदल गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में भारतीय सेना सशक्त बनकर उभरी है। यही वजह है कि भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को वापस अपनी सीमा में जाने पर विवश होना पड़ा। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि और वीरभूमि के नाम से जाना जाता है जहां लगभग हर घर से एक व्यक्ति फौज में है। कारिगल युद्ध में प्रदेश के जवानों ने अद्भुत साहस और प्रतिबद्धता का परिचय दिया और देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए 52 सिपाहियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। कारगिल युद्ध में अकेले कांगड़ा जिले से ही 15 जवानों और मंडी जिले से 11 जवानों ने शहादत पाई। हमीरपुर और बिलासपुर जिले से सात-सात, शिमला से चार, ऊना से दो तथा चम्बा और कुल्लू से एक-एक वीरों ने शहादत पाई। इस युद्ध में हिमाचल के वीरों को दो परमवीर चक्र, पांच वीर चक्र, नौ सेना मेडल, एक युद्ध सेना मेडल, दो उत्तम युद्ध सेवा मेडल व दो जवानों को मेंशन-इन-डिस्पैच से सम्मानित किया गया। पालमपुर के कैप्टन विक्रम बतरा को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। दूसरा परमवीर चक्र बिलासपुर निवासी सूबेदार संजय कुमार को प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि देश का इतिहास गवाह है कि भारतीय सेना का हर 10वां मैडल हिमाचली रणबांकुरों के नाम होता है। जनसंख्या के आधार पर सर्वाधिक वीरता सम्मान इस प्रदेश के बहादुर सैनिकों ने प्राप्त किए हैं। राज्यपाल ने कहा कि पूरा विश्व इस समय कोविड-19 नामक अज्ञात शत्रु से लड़ रहा है और सभी लोगों को सभी भेदभावों को भुलाकर इस महामारी से मिलकर लड़ने में इस युद्ध में अपना योगदान देने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज के संपन्न वर्ग से कठिनाई के इस समय में जरूरतमंद और गरीब लोगों की सहायता करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम सामुहिक प्रयासों से इस लड़ाई से अवश्य जीत पाएंगे। कारगिल युद्ध में नागा रेजीमेंट के रणबांकुरों ने इस अवसर पर युद्ध के अपने अनुभवों राज्यपाल के साथ को सांझा करते हुए बताया कि लगभग 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित प्वाइंट 4875 चोटी पर फतह हासिल करते समय उन्हें किस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस युद्ध के दौरान रेजीमेंट के 15 जवानों ने वीरगति प्राप्त की और बहादुरी का परिचय देने के लिए रेजीमेंट ने वीर चक्र सहित 13 व्यक्तिगत सम्मान प्राप्त किए। उन्होंने इस अवसर पर कारगिल युद्ध के नायकों सुबेदार मेजर विसाले लेनु, सुबेदार मदन मोहन पांडेय, सुबेदार केनेथ अनल, नायब सुबेदार हेमंत बिष्ट, नायब सुबेदार बसंत छेतरी और हवलदार पुष्कर सिंह को सम्मानित किया। नागा रेजीमेंट ने भी इस अवसर पर राज्यपाल को एक स्मृति चिन्हें भेंट किया और इस विशेष अवसर पर उनसे बातचीत करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।

Created On :   27 July 2020 4:07 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story