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मिड डे मील में मेन्यू को दरकिनार कर परोसा जा रहा है घटिया भोजन
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। शहरी स्कूलों में ही मध्यान्ह भोजन की आड़ में औपचारिकता पूरी करने की असलियत सामने आ गई है। भास्कर की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि स्व सहायता समूहों द्वारा मेन्यू को दरकिनार कर छात्र-छात्राओं को घटिया भोजन परोसा जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि शहरी स्कूलों में मासूमों के निवाले पर स्व सहायता समूहों द्वारा डाका डाले जाने के बाद भी जवाबदार अफसरों की मध्यान्ह भोजन की औपचारिकता पर नजर नहीं पड़ रही है। इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन, बीआरसी और जिला पंचायत के एमडीएम प्रभारी की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इनके संरक्षण स्व सहायता समूह मासूम बच्चों का पेट काट रहे हैं। शर्मनाक पहलू यह है कि स्कूल प्रबंधन की शिकायतों के बाद भी बीआरसी द्वारा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। इसके चलते समितियों द्वारा बच्चों के आहार में न सिर्फ गुणवत्ता से खिलवाड़ किया जा रहा है बल्कि दूषित भोजन के सेवन से छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।
2.30 बजे कढ़ी चावल का वितरण
स्थान- शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बलियरी। गुरूवार को दूसरी पाली के छात्र-छात्राएं मध्यान्ह भोजन के इंतजार में कतार लगाकर खड़ी हो गईं। स्कूल में हाथ धुलने के लिए न तो पानी व्यवस्था और हैंडवॉश के दावे भी कुछ ही देर में बेमानी साबित हो गए। फिर शुरू हुआ मध्यान्ह भोजन का वितरण। समूह की महिलाओं ने मासूमों की थाली में कढ़ी-चावल परोस कर मध्यान्ह भोजन की औपचारिकता पूरी कर दी। मौके पर मौजूद स्कूल के प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र पाठक भी मध्यान्ह भोजन में मेन्यू का पालन नहीं होने की असलियत सामने आने के बाद बेबस नजर आये।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्हें पापड़ और सलाद एवं चटनी कभी मिला ही नहीं। बताया जाता है कि आदर्श महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन का ठेका लिया गया है। मध्यान्ह भोजन का समय तय होने के बाद भी समूह द्वारा टाइम से बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है, जबकि तय मेन्यू के अनुसार गुरूवार को वेजिटेबल पुलाव एवं पकौड़े की सब्जी के साथ सलाद, पापड़ और चटनी का वितरण किया जाना था।
कन्या शाला में भी मेन्यू के दावे बेमानी
स्कूल की 82 छात्राओं को समूह ने कढ़ी चावल परोस कर न सिर्फ औपचारिकता पूरी कर दी, बल्कि कुछ बालिकाओं ने खुद भोजन करने से इंकार कर दिया। बताया जाता है कि कमीशन के चलते स्कूल प्रबंधन, बीआरसी और एमडीएम प्रभारी चुप्पी साधे हुए हैं। इसके चलते समूह बच्चों को मनमाफिक भोजन का वितरण कर खुद की जेब भर रहे हैं।
इनका कहना है
मध्यान्ह भोजन में मेन्यू का पालन नहीं होने का मामला संज्ञान में आने के बाद पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रियंक मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत
Created On :   31 Aug 2018 2:16 PM IST