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प्रदूषण पर BMS हुई उग्र, कोयला वाहनों के लिए अलग बायपास रोड की मांग
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (गोरबी)। ब्लाक बी के आवासीय परिसर और बाजार सहित पूरे परिक्षेत्र में भारी प्रदूषण की रोकथाम किये जाने को लेकर बीएमएस से सम्बद्ध संगठन भारतीय कोयला खदान श्रमिक संघ की के न्द्रीय समिति ने परियोजना प्रबंधन का ज्ञापन सौंपा। सीएमडी के नाम सौपें गये ज्ञापन में संगठन ने महदेईया रेलवे साइडिंग में कई खदानों से लेकर डम्प किये जा रहे कोयले का स्टॉक हटाये जाने और कोयला वाहकों के लिये अलग से बायपास रोड बनाये जाने की मांग की गई।
संगठन के महामंत्री हीरामणि प्रसाद के नेतृत्व में आयोजित किये गये प्रदर्शन व ज्ञापन सांैपने के क्रम में एनसीएल की कई परियोजनाओं से अध्यक्ष व सचिव तथा संगठन पदाधिकारियों ने अपने मांग पत्र में कहा कि कई निजी ट्रांसपोर्टरों के द्वारा महदेइया कोल यार्ड में बिना पर्यावरणीय स्वीकृति लिये ही कोयला डम्प किया जा रहा है। जिससे भारी प्रदूषण हो रहा है पहला तो कोयले के डम्पिंग और लोडिंग से दूसरा एनसीएल की बीना,ककरी और खडिय़ा जयंत परियोजनाओं से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग किये जाने से प्रतिदिन हजारों लीटर डीजल स्थानीय क्षेत्र में जल रहा है। जिससे स्थानीय लोग तरह तरह की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। साथ ही रेलवे की जमीन के अलावा परियोजना की भूमि व कुछ निजी भूमियों पर भी कोल स्टॉक किया जा रहा है। जिसको लेकर कई मामले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिला प्रशासन के संज्ञान में आये हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तो डीआरएम धनबाद पर मामला भी दर्ज करा रखा है फिर भी प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नही किये जा रहे हैं।
हर दिन हो रही दुर्घटनाएं
संगठन ने अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को महाप्रबंधक ब्लाक बी परियोजना के माध्यम से दिये गये पत्र में कहा है कि हर दिन दुर्घटनाएं हो रही है जिसका कारण कोयला परिवहन है। कई निजी कम्पनियों इसी कोलयार्ड पर कोयला डम्प करती है जिनके कई सौ ट्रक गोरबी ब्लाक बी आवासीय परिसर, गोरबी बाजार और आस पास से होकर गुजरते है। जिससे हर समय दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। संगठन ने विस्थापितों की समस्याओं, गोरबी साइडिंग को बंद किये जाने और कई अन्य समस्याओं के समाधान करते हुए जूलूस के साथ मांग पत्र सौपा है।
दी आंदोलन की चेतावनी
संगठन ने समस्याओं से अवगत कराते हुए प्रदूषण नियंत्रण किये जाने की मांग करते हुए कहा कि यदि सभी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर समाधान नही किया जाता है तो संगठन अनवरत कार्रवाही के तरह धरना प्रदर्शन करने के लिये बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी एनसीएल प्रबंधन की होगी। पर्यावरणीय संतुलन बनाये जाने को लेकर संगठन ने सभी सम्बंधित व जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रेषित की है।
Created On :   9 Feb 2018 1:49 PM IST