- देश में अब तक लगाए जा चुके हैं कोरोना टीके के 1 करोड 37 लाख 56 हजार 940 डोज
- सऊदी प्रिंस सलमान ने दी थी पत्रकार खशोगी को पकड़ने या हत्या करने की मंजूरी: अमेरिका
- वोकल फॉर लोकल: पीएम मोदी आज करेंगे पहले 'भारत खिलौना मेला' का उदघाटन
- भारत ने चीन से कहा, गतिरोध वाली सभी जगहों से हटें सेनाएं, तभी घटेगी सीमा पर सैनिकों की तैनाती
दहेज नही दिया तो जेठ ने किया बहू से जबदस्ती का प्रयास, 5 के खिलाफ केस दर्ज

डिजिटल डेस्क,नागपुर। एमआईडीसी थाने में वर्धा के एक ही परिवार की दो महिला समेत पांच सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोप है कि दहेज प्रताड़ना के चलते जेठ ने बहू से छेड़छाड़ कर उसे जान से मारने की धमकी दी है। आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है। जानकारी के अनुसार नागपुर के एमआईड़ीसी औद्योगिक परिसर निवासी 23 वर्षीय पीड़िता की सामाजिक रीतिरिवाज के अनुसार वर्धा निवासी सुरेश पालीवाल से चार वर्ष पहले शादी हुई। सुरेश और उसका परिवार खेती किसानी करता है,जबकि विवाहिता के माता-पिता औद्योगिक परिसर में चाय की दुकान चलाते हैं।
दर्ज शिकायत के अनुसार शादी के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। आखिरकार पीड़िता की तकलीफ देखकर उसके पिता ने 1 अक्टूबर 2015 से 20 सितंबर 2019 के बीच में सुरेश और उसके परिवार के सदस्यों को कभी 25 तो कभी 50 हजार रुपए दिए भी। इसके बावजूद दिन ब दिन उनकी मांग बढ़ती ही गई। इसके लिए पीड़िता को पहले से ज्यादा प्रताड़ित किया जाने लगा। घटित प्रकरण के दौरान सुरेश का बड़ा भाई एवं पीड़िता का जेठ गोविंद पालीवाल ने कमरे में बंद कर उसके साथ जबरस्ती करने की कोशिश की। इस बीच पीड़िता द्वारा शोर शराबा करने से पीड़िता सुरेश के चंगुल से भाग निकलने में सफल हुई। यह बात परिवार के सभी सदस्यों को पता है।
परिवार की बदनामी से बचने के लिए घटित प्रकरण की जानकारी किसी अन्य व्यक्ति को बताने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी गई। बरसों से दहेज प्रताड़ना का शिकार हो रही पीड़िता ने आखिरकार संबंधित स्थानीय पुलिस थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन घरेलू विवाद बताकर पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। आखिकार त्रस्त हुई विवाहिता पिता के घर नागपुर आ गई। पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से मिली। प्रकरण की गंभीरता से आखिरकार साेमवार की रात विवाहिता के पति सुरेश पालीवाल समेत गोविंद पालीवाल,राधा पालीवाल, दुर्गादास पालीवाल और विमल पालीवाल सभी वर्धा निवासियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
गर्भ में ही बेटे की मृत्यु के बाद प्रताड़ना बढ़ गई
बताया जाता है कि विवाहिता को एक बेटा हुआ,लेकिन वह मां के ही पेट में मर गया। इस घटना के बाद प्रताड़ना का दौर और बढ़ गया था। इसके बाद पीड़िता को संतान प्राप्ति नही हुई। इस कारण भी उसे प्रताड़ित किया जाने लगा था।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।