अवैध उत्खनन - मप्र-उप्र को जोडऩे वाले केन नदी के पुल के नीचे से बनाया अवैध रास्ता

Illegal Excavation - Illegal route built under the Ken River Bridge connecting MP-UP
अवैध उत्खनन - मप्र-उप्र को जोडऩे वाले केन नदी के पुल के नीचे से बनाया अवैध रास्ता
अवैध उत्खनन - मप्र-उप्र को जोडऩे वाले केन नदी के पुल के नीचे से बनाया अवैध रास्ता

रेत माफिया ने पुल के पीयर्स को तोड़कर नीचे बना डाला रास्ता, हादसे की आशंका

डिजिटल डेस्क  छतरपुर । रेत माफियाओं की मनमानी के सामने प्रशासन नतमस्तक है। केन नदी और उसके आस-पास के इलाके में रेत के अवैध उत्खनन से गौरिहार जनपद पंचायत क्षेत्र की अधिकांश जमीन बर्बाद हो चुकी है। रेत माफियाओं द्वारा देश की सबसे साफ नदी केन को छलनी कर दिया है। इनकी मनमानी यहीं नहीं रुकी है। गोयरा थाना क्षेत्र के रामपुर में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा विभाजित करने वाली केन नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से पुल का निर्माण कराया गया है। इस पुल को भी रेत माफिया ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसके पिलर के पीयर्स को तोड़कर ठीक बगल से रेत से भरे ट्रकों की अवैध निकासी के लिए रास्ता बना लिया है। पुल के ऊपर से भी हजारों ओवर लोड ट्रक निकलते हैं, और नीचे से पिलर को तोड़कर कर रास्ता बनाया गया है। इससे यहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।

आखिर इतनी मेहरबानी क्यों 
इस क्षेत्र में गौरिहार, गोयरा, हिनौता, वंशिया थाना अंतर्गत जमकर रेत का अवैध कारोबार फिर प्रारंभ हो गया है। प्रशासन द्वारा कुछ दिनों पूर्व की कार्रवाई के कारण माहौल ठंडा हो गया था। लेकिन अब यह पुन: शुरू हो गया है। रामपुर घाट में चरन सिंह यादव द्वारा रामपुर के पुल को तोड़कर उसके नीचे से ट्रक अपनी खदान की ओर ले जाए जा रहे हैं। इस पुल की सुरक्षा को लेकर यूपी प्रशासन ने कई बार कड़े कदम उठाए, लेकिन एमपी में प्रशासन और पुलिस की खुली मेहरबानी है। पुल की सुरक्षा को लेकर पीडब्ल्यूडी भी कई बार इस संबंध में प्रशासन को लिखकर दे चुका है लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब भी पुलिस और प्रशासन अवैध रेत परिवहन के खिलाफ कार्रवाई करता है तो सैकड़ों ट्रक इस पुल पर खड़े हो जाते हैं। ऐसे में यह पुल कभी भी धराशायी हो सकता है। पुल के मशीनों से तोड़े गए टुकड़े भी वहीं पड़े हैं।
गौरिहार, मवईघाट, रामपुर-हर जगह अवैध उत्खनन
इस क्षेत्र में फिलहाल मवईघाट, वंशिया, हिनौता, गौरिहार, रामपुर, गोयरा थाना क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार चरम पर है। यहां आलम यह है कि गौरिहार, गोयरा थाना प्रभारी से लेकर पहरा चौकी प्रभारी बनने के लिए भी भोपाल से राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल हो रहा है। थानों में आरक्षक से लेकर थाना प्रभारी की पोस्टिंग के लिए बड़ी सिफारिशें लग रही हैं। इस इलाके में रेत माफियाओं का दबदबा इतना अधिक है कि वे सरकारी संपत्ति को भी खुलेआम नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके बाद भी प्रशासन और पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। गोयरा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के पास से प्रवाहित होने वाली केन नदी मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को विभाजित करती है। खुलेआम जेसीबी, एलएनटी मशीनों से पुल के नीचे से रोजाना सैकड़ों ट्रक रेत निकाली जा रही है। चूंकि रेत से भरे ओवर लोड ट्रकों को नदी के घाट से ऊपर चढ़ाने में परेशानी होती है और यहां पर पुल के पास मोड़ होने के कारण ट्रक आसानी से नहीं चढ़ पाते हैं। इस कारण ठेकेदार ने नदी के बीच में पुल के नीचे से अस्थाई रास्ते का निर्माण कर दिया है। इस रेत कारोबारी ने पुल के पिलर को तोड़ते हुए रास्ते का निर्माण किया है। इस रास्ते से रोजाना सैकड़ों ट्रक रेत लेकर निकल रहे हैं। इससे पुल लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है। पुल के ऊपर से भी ओवर लोड ट्रक निकलते हैं। नीचे से पुल कमजोर हो रहा है और ऊपर से ओवर लोड हजारों ट्रकों के निकलने से कभी भी यह पुल ध्वस्त हो सकता है।
 

Created On :   30 Dec 2019 2:42 PM IST

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