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रेस्ट हाउस में अवैध कब्जा करना पड़ा मंहगा, पीडब्ल्यूडी में जमा की किराए की रकम
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(वैढ़न)। रेस्ट हाउस में अवैध कब्जा करना प्रेरक राहुल सैनी और कोहिमा गोयल को मंहगा पड़ गया है। इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि प्रेरकों की करतूत का सिलसिलेवार खुलासा करने के बाद जिला पंचायत सीईओ प्रियंक मिश्रा का रसूख भी इनके काम नहीं आया है। विश्राम गृह में अवैध कब्जे में सीईओ की शह से प्रशासन की जमकर किरकिरी होने के कारण अफसरों ने आनन-फानन में किराए की रकम पीडब्ल्यूडी में जमा करा दी है। रेस्ट हाउस के केयर टेकर के मुताबिक राहुल और कोहिमा जिला पंचायत सीईओ के रसूख का इस्तेमाल कर एक साल तक विश्राम गृह में कब्जा कर रखा था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद राहुल रेस्ट हाउस से कमरा खाली कर अचानक गायब हो गया था।
अंतत: चुकाना पड़ा 50 हजार
अदने से प्रेरकों की सरकारी मेहमान नवाजी का खुलासा करने के बाद राहुल और कोहिमा ने एक साल के किराए की रकम का पीडब्ल्यूडी को डीडी के माध्यम से भुगतान कर दिया है। पीडब्ल्यूडी की एसडीओ ने बताया कि प्रेरकों से रेस्ट हाउस के किराए की वसूली कर 50 हजार रुपए सरकारी खजाने में जमा कराया गया है। गौरतलब है कि प्रेरक राहुल और कोहिमा द्वारा रेस्ट हाउस के कमरा नंबर 5 में अवैध कब्जा करने के बाद किराये का भुगतान नहीं किया था। इस मामले के खुलासे के बाद जिला पंचायत सीईओ प्रेरकों की पैरोकारी कर रहे थे, वहीं इनके लिए सरकारी आवास उपलब्ध नहीं की वकालत कर रहे थे। प्रेरको का सरकारी आवास की पात्रता नहीं होने की असलियत उजागर होने के बाद बैकफुट में आए सीईओ ने प्रेरको से किराए का भुगतान करा दिया है।
इनका कहना है
राहुल और कोहिमा पर रेस्ट हाउस के किराये की रिकव्हरी निकाली गई थी। प्रेरकों ने डीडी के माध्यम से विश्राम गृह के एक साल के किराये का भुगतान कर दिया है।
तेजस्वनी शुक्ला, एसडीओ पीडब्ल्यूडी
Created On :   27 March 2019 8:12 AM GMT