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254 करोड़ बकाया होने पर जेपी का केप्टिव पॉवर प्लांट कुर्क
डिजिटल डेस्क, रीवा। विद्युत शुल्क का 254 करोड़ का भुगतान न करने पर प्रशासन ने गुरूवार को नौबस्ता स्थित जेपी प्लांट का 38.5 मेगावॉट का केप्टिव पॉवर प्लांट कुर्क कर लिया। प्रशासन ने यह कार्रवाई मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा के पत्र मिलने के बाद की। बताया गया है कि केप्टिव पॉवर प्लांट को प्रोत्साहित करने शासन ने 29 सितम्बर 2004 से विद्युत शुल्क से सशर्त छूट प्रदान की थी। इन शर्तो की पूर्ति कर मेसर्स जेपी रीवा प्लांट को इसका लाभ मिल सकता था। लेकिन प्लांट प्रबंधन ने छूट की शर्तो का पालन नहीं किया। जबकि इस दौरान विद्युत मंडल की ओर से प्लांट को कई पत्र लिखे गए। बताया गया है कि 38.5 मेगावॉट के केप्टिव पॉवर प्लांट से सितम्बर 2006 से नवम्बर 2011 तक की अवधि में प्लांट को शासन को विद्युत शुल्क का भुगतान नहीं किया गया।
सूत्रों के अनुसार यह बकाया शुल्क 71 करोड़ 27 लाख 94 हजार 335 रुपये था। यह राशि 21 मार्च 2012 से 31 मार्च 2012 तक के लिए देय थी। इसके बाद वर्तमान समय में बकाया शुल्क में ब्याज जोड़ा गया। ब्याज की गणना 31 अगस्त 2021 तक की अवधि के लिए की गई। जिससे यह बकाया शुल्क 167 करोड़ 53 लाख 31 हजार 827 रुपये हो गया। वहीं एक अन्य प्रकरण में जेपी पर 87 करोड़ 54 लाख 73 हजार 512 रुपये की आरआरसी बकाया थी। तहसीलदार हुजूर न्यायालय में ये दोनों प्रकरण चल रहे थे। सुनवाई भी लगातार हो रही थी। कम्पनी को सुनवाई के बाद बकाया शुल्क जमा करने नोटिस भी जारी की गई। लेकिन शुल्क जमा नहीं हुआ। इसके बाद मुख्य अभियंता विद्युत सुरक्षा ने कलेक्टर को यह बकाया शुल्क वसूल कराए जाने पत्र लिखा। जिस पर नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला अधीनस्थ अमले के साथ मौके पर पहुंचे और विद्युत शुल्क जमा न होने की स्थिति में केप्टिव पॉवर प्लांट को कुर्क कर लिया।
न्यायालय ने निरस्त किया था प्रकरण-
बताया गया है कि प्लांट प्रबंधन ने इस मामले में जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। लेकिन प्रकरण को देखे हुए उच्च न्यायालय ने प्लांट प्रबंधन की याचिका निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय से शासन के पक्ष में विद्युत शुल्क की राशि वसूलने योग्य हो गई।
Created On :   27 May 2022 2:46 PM IST