रीवा: पीएम ने राष्ट्र को समर्पित किया एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट, इससे दिल्ली मेट्रो को भी मिलेगी बिजली

रीवा: पीएम ने राष्ट्र को समर्पित किया एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट, इससे दिल्ली मेट्रो को भी मिलेगी बिजली
हाईलाइट
  • पीएम ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित किया
  • मप्र के रीवा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट

डिजिटल डेस्क, रीवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (10 जुलाई) को मध्य प्रदेश के रीवा जिले में 750 मेगावाट क्षमता की अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। मप्र में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली बार पीएम राज्य के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद्र गहलोत, प्रहलाद पटेल ने भी हिस्सा लिया।

सौर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, बिजली की जरूरत बढ़ती जा रही है, ऐसे में बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है, तभी आत्मनिर्भर भारत बन सकता है। पीएम ने कहा, आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर का नाम भी जुड़ गया है। सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को ऊर्जा का केंद्र बनाएगा। इससे एमपी के लोगों को लाभ मिलेगा और दिल्ली मेट्रो को भी बिजली मिलेगी।

रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा। इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा। ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा।

रीवा सोलर प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा...

- सौर ऊर्जा आज की ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है। क्योंकि सौर ऊर्जा, श्योर (Sure), प्योर (Pure) और सिक्योर (Secure) है। 

  • "Sure" इसलिए क्योंकि ऊर्जा के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सदा पूरे विश्व में चमकता रहेगा।
  • "Pure" इसलिए, क्योंकि ये पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
  • "Secure" इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है।

- जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है।

- जब हम नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के बड़े प्रोजेक्ट्स लॉन्च कर रहे हैं, तब हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हमारा संकल्प जीवन के हर पहलू में दिखे। हम कोशिश कर रहे हैं कि इसका लाभ देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे।

- एलईडी बल्ब से करीब 600 अरब यूनिट बिजली की खपत कम हुई है। बिजली की बचत के साथ लोगों को रोशनी भी अच्छी मिल रही है। साथ ही हर साल करीब 24,000 करोड़ रुपये की बचत मध्यम वर्ग को हो रही है।

- बिजली सबतक पहुंचे, पर्याप्त पहुंचे। हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं। यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है।

- सौर ऊर्जा ने आम ग्राहक को उत्पादक भी बना दिया है, पूरी तरह से बिजली के बटन पर कंट्रोल दे दिया है। बिजली पैदा करने वाले माध्यमों में सामान्य जन की भागीदारी न के बराबर रहती है, लेकिन सौर ऊर्जा में सामान्य जन की आवश्यकता की बिजली पैदा हो सकती है।

- सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी का निर्माण ना हो। अब इसी दिशा में तेजी से काम चल रहा है।

- आत्मनिर्भरता सही मायने में तभी संभव है जब हमारे भीतर आत्मविश्वास हो। आत्मविश्वास तभी आता है, जब पूरा देश, पूरा सिस्टम, हम सभी मिलकर आत्मनिर्भरता की ओर चल पड़े। कोरोना से पैदा हुई स्थिति के बीच भारत यही काम कर रहा है। सरकार यही आत्मविश्वास जुटा रही है।

- अब गरीब परिवारों को नवंबर तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इतना ही नहीं, निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों के EPF खाते में भी सरकार पूरा अंशदान दे रही है। इसी तरह, पीएम-स्वनिधि योजना के माध्यम से उन साथियों की सुध ली गई, जिनकी सिस्टम तक सबसे कम पहुंच होती है।

- आज जब आप मध्य प्रदेश को, पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं, तो अपनी एक और जिम्मेदारी भी हमेशा याद रखिए। दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क और हाथ को 20 सेकेंड तक साबुन से धुलना, इन नियमों का हमें हमेशा पालन करना है।

बता दें कि, इस सौर उर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है। इसमे तीन इकाईयां 250-250 मेगावाट की है। इस परियोजना की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मैट्रो को दी जाएगी। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना है। यह लगभग चार हजार करोड़ की लागत से स्थापित की गई परियोजना है।

इस परियोजना में स्थित सौर पार्क (कुल क्षेत्रफल 1500 हेक्टेयर) के अंदर 250 मेगावट की तीन सौर इकाइयां स्थित हैं। प्रत्येक इकाई 500 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित है। सौर पार्क को मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉपोर्रेशन ऑफ इण्डिया की संयुक्त कम्पनी रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया है।

पार्क को विकसित करने के लिये आरयूएमएसएल को केन्द्र से 138 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। पार्क को विकसित करने के बाद महेन्द्रा रिन्यूएबल्स प्रायवेट लिमिटेड, एसीएमई जयपुर सोलर पावर और आरिन्सन क्लीन एनर्जी प्रा़लिक को रिवर्स ऑक्शन द्वारा इस पार्क में 250-250 मेगावट की तीन सोलर उत्पादन इकाइयों को विकसित करने के लिये चुना गया। 

यह परियोजना प्रथम नवकरणीय ऊर्जा परियोजना है, जो कि प्रदेश के बाहर संस्थागत ग्राहकों जैसे दिल्ली मेट्रो को बिजली प्रदान करेगी। परियोजना से दिल्ली मेट्रो को 24 प्रतिशत बिजली प्राप्त होगी तथा शेष 76 प्रतिशत मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियों को मिलेगी। 

Created On :   10 July 2020 5:12 AM GMT

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