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बड़े भाई के पदचिन्हों पर चलकर मनोज ने पास की यूपीएससी
पहले प्रयास में 531वीं रैंक लाकर किया जिले का नाम रोशन, रैंक बेहतर करने करेंगे और प्रयास
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। समय सबसे बड़ा बलवान होता है और समय पर की गई मेहनत के बाद सफलता का इंतजार नहीं करना पड़ता। क्योंकि सफलता खुद ही चलकर आती है। हालही में यूपीएससी की परीक्षा में 531वीं रैंक हासिल करने वाले जिले के होनहार युवा मनोज शाह पर ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं। क्योंकि मनोज ने स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई और फिर यूपीएससी की तैयारी के दौरान सबसे बलवान कहे जाने वाले समय के अनुसार ही मेहनत की। फोन पर हुई चर्चा के दौरान खुद मनोज बताते हैं कि उन्होंने पढ़ाई करते समय कभी भी तनाव नहीं लिया। दिन-रात रट्टामार पढ़ाई के तौर-तरीकों से भी वह दूर रहे और पढ़ाई के लिये जब-जैसी स्थिति थी, वैसा समय दिया। उन्होंने बताया कि स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई के दौरान वह शुरूआत से प्रत्येक सब्जेक्ट की स्टडी और रिवीजन के लिये बाकायदा टाइम टेबल बना लेते थे। इससे उन्हें कोर्स पूर्ण होने के बाद रिवीजन का भी भरपूर समय मिल जाता था। यही तरीका यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी अपनाया। उनका कहना है कि किसी भी कार्य के लिये समय व लक्ष्य निर्धारित करके उसे शुरू करना सबसे जरूरी होता है। मनोज का कहना है कि वह अपनी रैंक सुधारने का एक प्रयास फिर से करेंगे। लेकिन यह प्रयास वह सर्विस ज्वाइन करके करेंगे।
आईएएस भाई से हुये प्रभावित
मनोज अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को भी देते हैं। खासकर अपने बड़े भाई नरेन्द्र शाह से वह ज्यादा ही प्रभावित हुये। मनोज बताते हैं कि उन्होंने शुरूआत से प्रशासनिक सेवा में जाने का मन निर्धारित नहीं किया था। वह 2007 में डीएवी झिंगुरदह से 10वीं और 2009 में कोटा राजस्थान से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, फिर 2013 में आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई के करके 2 साल जॉब की। इसके बाद उन्होंने आईआईएम कोलकाता से एमबीए किया। इसके बाद उनका झुकाव प्रशासनिक सेवा की ओर होने लगा। इस झुकाव का बड़ा कारण आसाम कैडर के आईएएस अपने बड़े भाई नरेन्द्र शाह को भी मानते हैं।
परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं
मनोज के पिता आरएल शाह एनसीएल में सबआर्डिनेट इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। श्री शाह के दूसरे पुत्र को भी मिली इस बेहतरीन सफलता से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। रिजल्ट का पता चलने के बाद से उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। श्री शाह की पुत्री यानी, मनोज के बहन सरिता शाह ने भी किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से एमबीबीएस और लोकनायक दिल्ली से एमएस व एमएमसी किया है। सरिता नेहरू अस्पताल में बतौर गायनी चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रही हैं। श्री शाह कहते हैं कि उनके बच्चों ने उन्हें जिंदगी की वह खुशियां दी, जो बयां नहीं कर सकता। श्री शाह मूलरूप से सिंगरौली जिले के ग्राम खरकटा के निवासी हैं।
Created On :   5 Aug 2020 7:16 PM IST