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अरबों की जमीन की हो रही बंदरबांट, अधिग्रहीत भूमि पर माफिया सक्रिय
![Millions of land grabbing, mafia active on acquired land Millions of land grabbing, mafia active on acquired land](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/05/millions-of-land-grabbing-mafia-active-on-acquired-land_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क सिंगरौली वैढन। एस्सार के भू-अधिग्रहण के दौरान बने हालातों को शायद ही कोई सिंगरौलीवासी भूला होगा। वैसे ही हालात एक बार फिर जिला मुख्यालय वैढन के हर्रई में बनने जा रहे हैं। वजह, किसानों से कौड़ियों के भाव ली गई जमीन पर तीन दशक बाद विस्थापितों के नाम पर भू-माफिया का सक्रिय होना है। यहां की जमीनों पर उनकी भी नजर लगी है जो सफेदपोश कहलाते हैं। प्लाटिंग के शुरू हो चुके काम से जहां हर्रई के मूल निवासियों और पट्टेदारों में रोष है वहीं जिम्मेदार इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।सिंगरौली का यह सबसे बड़ा भूमि-घोटाला साबित हो रहा है।
भट्टा परसौल सहित तमाम भू-अधिग्रहण के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि यदि जिस उद्देश्य से भूमि ली गई है, उसमें उसका उपयोग नहीं हो रहा है तो वो भूमि उन्हें लौटा दी जाए, जिनसे ली गई है। लेकिन, यहां 35 साल बाद भी जमीन एक से दूसरे को भेंट कर सरकारी सिस्टम अब भू-माफियाओं की गोद में बैठने जा रहा है। वो कहते हैं कि वर्ष 1984 में एनटीपीसी ने हर्रई सहित आसपास की जमीनों का अधिग्रहण किया था। हर्रई की जमीन बच गई। बाद में यह जमीन एनसीएल को दे दी गई।
वजह बताई गई एनसीएल मुख्यालय का निर्माण। यह भी नहीं हुआ। इस बीच साडा ने यहां से 50 मीटर चौड़ी लगभग 5 किमी लंबी मेजर सिटी रोड हर्रई से नेहरू अस्पताल के लिए प्रस्तावित की। इस पर भी काम नहीं हुआ। साडा की जमीन पर नगर निगम का कब्जा हो गया। अब नगर निगम यहां विस्थापितों के लिए 103 प्लाट काटने जा रहा है।
यूं भड़का आक्रोश
पिछले कुछ दिनों से हर्रई में रात दिन सड़क बनने और प्लाट तैयार करने के लिए हो रहे काम से क्षेत्रीय लोग भड़क उठे। उपेन्द्र पांडेय, बीएम पांडेय, दिनेश पांडेय, सरोज कुमार पांडेय, सुशील कुमार पांडेय, चन्द्रिका पांडेय, सुरेश कुमार ने जारी एक बयान में एक कहा कि हर्रई में कतिपय ठेकेदारों द्वारा मेजर सिटी रोड के लिए आरक्षित 50 मीटर चौड़ी भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। कुंदन पांडेय, रामअशोक शर्मा के नेतृत्व में पिछले दिनों जनसुनवाई में इस संबंध में आवेदन भी दिया गया लेकिन, काम पर रोक लगने की बजाए वो तेजी से होता जा रहा है। यदि यही हालात रहे तो हम सब मिलकर उग्र प्रदर्शन ही नहीं करेंगे बल्कि काम रोकने के लिए हरसंभव जतन करेंगे।
मेरी जानकारी में नहीं
इस पूरे घटनाक्रम पर नगर निगम कमिश्नर शिवेन्द्र सिंह का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नहीं है। अगले कार्य दिवस में इस संबंध में विस्तार से जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकूंगा। दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि दो नेताओं के दबाव में हर्रई में विस्थापितों को प्लाट देने तैयारी चल रही है। इसके लिए 7-7 मीटर की दो रोड निकाल कर प्लाट बनाए जा रहे हैं। हालांकि नाम न छापने की शर्त पर वे कहते हैं कि इसमें कई बड़े हैं जिनकी नजर प्लाटों पर हैं। यही कारण है कि परिषद की बैठकों में भी इस मुद्दे को उठाया गया था।
Created On :   3 May 2018 8:37 AM GMT