अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने नर्स की लापरवाही का आरोप लगाया

Mother-child died in hospital, family accused nurse negligence
अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने नर्स की लापरवाही का आरोप लगाया
अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने नर्स की लापरवाही का आरोप लगाया

 डिजिटल डेस्क नौगांव । नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में शुक्रवार की सुबह स्टाफ नर्सों की लापरवाही से एक गर्भवती महिला व उसके गर्भ में पल रहे नौ माह का मासूम की मौत हो गई। उसे डिलेवरी के लिए लाया गया था।मृतक गर्भवती के परिजनों के अनुसार गुरूवार की शाम विद्या अहिरवार पति मुन्ना अहिरवार उम्र 38 साल निवासी झींझन हाल निवासी वार्ड नं 10 नौगांव को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। देर रात दर्द होने पर स्टाफ नर्सों ने इंजेक्शन देकर उसका इलाज किया, शुक्रवार को सुबह 8 बजे के बाद महिला स्टाफ की शिफ्ट बदलने पर उसे दोबारा इंजेक्शन लगा दिए गए। जिसके बाद गर्भवती की हालत बिगड़ गई और उसका शरीर नीला पडऩे लगा। तब आनन फानन में मौजूदा स्टाफ ने गर्भवती को छतरपुर रैफर कर दिया। मिशन अस्पताल छतरपुर में परिजनों को बताया कि बच्चा प्रसव के पूर्व ही पेट में खत्म हो गया, जहां से प्रसूता को झांसी रैफर किया गया। 
ले जा रहे थे झांसी
झांसी ले जाते समय अलीपुरा के पास गर्भवती की मौत हो गई। गर्भवती के मामा ससुर शीलू अहिरवार ने बताया कि वे तुरंत एम्बुलेंस कर ऑक्सीजन सिलेण्डर  लगवाकर झांसी रवाना हुए थे। लेकिन अलीपुरा के पहले ही मरीज की हालत बिगड़ गई। अलीपुरा में गाड़ी रोककर डॉक्टर से मरीज की जांच करने के लिए कहा कि इसकी हालत कैसी है। डॉक्टर ने बताया कि अब कुछ नहीं हो सकता, आप इसे घर ले जाएं। वहां से वापस वह नौगांव सिविल अस्पताल लेकर आए। लेकिन यहां भी कोई सहयोग नहीं मिला। मृतका की सास शांति अहिरवार के मुताबिक जब अचानक सुबह तबीयत बिगड़ी तब भी मौजूद नसों ने गर्भवती को रैफर कर दिया, मगर कोई रैफर के कागज नहीं दिए। सास के मुताबिक हमारा दोष क्या है। हम तो बहू ओर पेट में पल रहे बच्चे को डिलेवरी के लिए सही सलामत लेकर आये थे। लेकिन सुबह मौजूद स्टाफ द्वारा जब दोबारा इंजेक्शन दिए गए ओर पेट पर चड़कर बच्चे को पुश किया। इसके बाद गर्भवती की हालत बिगड़ गई और बाद में मौत हो गई।  
इनका कहना है
गर्भवती की प्रसूति में अगर स्टाफ नर्सों द्वारा लापरवाही की गई है तो कथन लेकर हम जांच कराएंगे। साथ ही परिजनों के कथन भी दर्ज कराए जाएंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएंगी। 
-डॉ. महेश दीक्षित, बीएमओ, नौगांव
 

Created On :   19 Oct 2019 1:41 PM IST

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