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तीन करोड़ का बीमा क्लेम पाने दोस्त की हत्या कर खुद का शव बताया, पुलिस ने किया खुलासा
डिजिटल डेस्क ओरछा । 3 करोड़ की बीमा राशि पाने की लालच में खुद की मौत की झूठी साजिश रचने के मकसद से अपने ही दोस्त की हत्या करने के सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश हुआ है। हत्या के आरोपी बाइक एजेंसी संचालक को पुलिस ने लॉक डाउन के दौरान बुधवार को बबीना के पास से गिरफ्तार किया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार शिवहरे ने बताया कि विगत 19 मार्च को ओरछा थाना क्षेत्र के वनगाय गांव के पास एक अज्ञात व्यक्ति की अधजली लाश मिलने के बाद हत्या के आरोपी बाइक एजेंसी संचालक पवन राजपूत निवासी जल निगम बबीना उप्र के पिता सीताराम राजपूत ने जले हुए व्यक्ति के शव को अपने बेटे पवन का शव बताया और ओरछा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जब मामले की विवेचना की तो मेडिकल रिपोर्ट में मृतक व्यक्ति की मौत होमीसाइडल नेचर से बताया गया। पुलिस को संदेह हुआ और गहराई से छानबीन करने पर पता चला कि पवन राजपूत ने कई बीमा एजेंसियों के माध्यम से तीन करोड़ रुपए का बीमा कराया गया था। बीमा की राशि पाने के लिए पवन ने 18 मार्च 2020 को अपने दोस्त नीरज परिहार निवासी पखरा जिला दतिया मप्र की शराब पिलाने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी। शव को पेट्रोल से जलाने के बाद ग्राम वनगाय के पास सड़क किनारे फेंक दिया था। शव के पास पवन ने अपने कपड़े, आधार कार्ड और कागजात छोड़ दिए थे, जिससे पुलिस नीरज को पवन समझे।
आरोपी की लोकेशन बबीना में मिली, पुलिस के हत्थे चढ़ा
इस आधार पर पुलिस ने बुधवार दिन में करीब 1.00 बजे बबीना रोड पर स्थित बुंदेला बाबा मंदिर के पास पवन राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद पवन राजपूत ने बताया कि उसने बीमा के तीन करोड़ पाने के लिए खुद की हत्या की झूठी साजिश रची थी। घटना को अंजाम देने के बाद झांसी से ट्रेन द्वारा इंदौर भाग गया था। इसके बाद वहां से कोटा राजस्थान जाकर एक रेस्ट हाउस में रहा। बीमा के कागजात के सिलसिले में लॉक डाउन के दौरान बस के माध्यम से बबीना अपने घर आया था। इसी दौरान पुलिस में उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले के खुलासे पर पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने 20 हजार के इनाम के साथ पुलिस टीम को पुरस्कृत किए जाने की घोषणा की।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी अपनी कार झांसी में छोड़ गया
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पवन राजपूत ने वारदात में उपयोग की गई कार यूपी 14 ए डब्लू 7040 को झांसी रेलवे स्टेधन के पास छोड़कर फरार हो गया था। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि पवन राजपूत के तीन करोड़ के बीमा है। अज्ञात जला हुआ शव पवन से मेल नहीं खाता इस आधार पर पुलिस ने पवन के बारे में विस्तार से जानकारी खंगालना शुरू किया। जांच में पता चला कि पवन राजपूत के खाते से भोपाल में एटीएम के माध्यम से 29 मार्च को 40 हजार रुपए निकाले गए। पवन के पिता सीताराम राजपूत की सीडीआर में पाया गया कि घटना के बाद उसके मोबाइल पर कोटा राजस्थान से लंबी बातचीत हुई। पवन का पिता बीमा क्लेम लेने के लिए लगातार बहुत ही शीघ्रता से दस्तावेज इकठ्ठा कर रहा था। इसी बीच पुलिस को जानकारी लगी कि पवन को बबीना के आसपास देखा गया।
Created On :   28 May 2020 3:38 PM IST