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भारी अव्यवस्था के बीच चल रहा नवोदय विद्यालय - बच्चों से लिया जा रहा काम
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। भारी अव्यवस्था एवं असुविधाओं के बीच जिले में नवोदय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। विद्यालय के पठन-पाठन को लेकर अविभावक भी असंंतुष्ट नजर आ रहे हैं। कई अभिभावकों ने तो बच्चों से बेडशीट और पिलो कवर साफ कराने को लेकर नाराजगी जतायी है। बच्चों को दिए गए यूनिफार्म भी अनफिट हो गए हैं, जिससे अभिभावकों द्वारा बच्चो को अलग से यूनिफार्म सिलाकर देना पडा है। बेहतर प्रबंधन के अभाव में शासन स्तर पर मिल रही सुविधाओं का दुरूपयोग हो रहा है। जिसका असर पालको के उपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अतिरिक्त विषय को लेकर भी अभिभावक नाराज हो रहे हैं। बताया जाता है कि जिला मुख्यालय वैढऩ से 6 किमी दूर पचौर में चालू शैक्षणिक सत्र के बीच गत सितंबर माह से नवोदय विद्यालय का संचालन शुरू कराया है। जिसमें 6वीं एवं 7वीं कक्षा के लगभग 100 से भी कम बच्चे अध्ययनरत हंै। विद्यालय में तो पहले टीचर की कमी थी, लेकिन अब व्यवस्था को लेकर भी नाराजगी का दौर चल रहा है। अभिभावकों का आरोप और नाराजगी है कि विद्यालय में बच्चों को दाखिला तो दिलाया गया है, लेकिन पढ़ाई के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। बताया जाता है कि विद्यालय में गणित और अंग्रेजी विषय की पढ़ाई भी टीचर के अभाव में प्रभावित है।
पंजाबी की जगह मराठी-गुजराती पढ़ाएं
बताया जाता है कि नवोदय विद्यालय में अतिरक्ति विषय के नाम पर पंजाबी भाषा पढ़ाई जा रही है, जबकि अभिभावकों का कहना है कि पहले तो मराठी या गुजराती भाषा की मांग की गयी थी। लेकिन पंजाबी पढ़ाई जा रही है। हालांकि नवोदय अथारिटी द्वारा सभी स्कूलों में देश की सभी भाषाओं को एक- एक कर अतिरिक्त सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाया जाना है। लेकिन यहां अभिभावकों द्वारा उनकी की इच्छा को दरकिनार किए जाने का आरोप है।
पानी का भी टोटा
अभिभावकों ने बताया कि नवोदय विद्यालय में पानी की किल्ल्त से भी बच्चे परेशान हो जाते हैं। उनका कहना है कि टैंकर सप्लाई से पानी आता है, कभी-कभी पानी समाप्त होने पर बच्चों को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। टैंकर आने मेें देरी होने से उनकी पढ़ाई में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
5 रूपये मिनट में बात
विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों को पैरेंट्स से बात करने के लिए वार्डेन पर 5 रूपये प्रति मिनट लेने के आरोप लगाए जा रहे हैं। दो मिनट की बात पर 10 रूपये बच्चों से वसूल किया जाता है। 2 मिनट से ज्यादा बात भी नही करने दी जाती है। पैरेंट्स ने स्कूल प्रबंधन के इस रवैये से भी नाराजगी जताते हुए कहा है कि जिला प्रशासन द्वारा स्कूल में बच्चों से बात करने के लिए अलग से सेलफोन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इनका कहना है
टीचर्स को धोबी रखने के लिए निर्देश दिए थे, स्कूल की समस्या आप बता रहे हैं, पैरेंट्स से बोलिए मुझसे बात करें। मैं समस्याओं का निराकरण कराउंगी। सब्जेक्ट, मिनिस्ट्री स्तर पर तय किए गए हैं। उन्हे ज्यादा दिक्कत हो रही है, तो एचआरडी मिनिस्टर से भी बात कर सकते हैं। वैढऩ में बड़ी मुश्किल के बाद स्कूल संचालित कराया गया है। अभी, सभी सब्जेक्ट के टीचर आ गए हैं। मैं वहां आऊंगी तो पैरेंट्स से बात करती हूं।
- वीना भट्टाचार्या, प्रभारी प्राचार्य, नवोदय विद्यालय पचौर
Created On :   22 Dec 2019 7:06 PM IST