पड़ोसी ही निकला डेढ़ वर्षीय मासूम विराज का हत्यारा -पुलिस ने किया मामले का खुलासा

Neighbor turns out to be killer of one and a half year old innocent Viraj - Police revealed the case
पड़ोसी ही निकला डेढ़ वर्षीय मासूम विराज का हत्यारा -पुलिस ने किया मामले का खुलासा
पड़ोसी ही निकला डेढ़ वर्षीय मासूम विराज का हत्यारा -पुलिस ने किया मामले का खुलासा

डिजिटल डेस्क  बमीठा । नगर के एक व्यापारी के डेढ़ वर्षीय मासूम बेटे का शव थाने के पीछे बने कुएं में तैरता मिला था। परिजनों ने बच्चे की हत्या के आरोप लगाए थे। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते से विवेचना शुरू की। विवेचना में व्यापारी ओमप्रकाश गुप्ता का पड़ोसी ही मासूम की हत्या का आरोपी पाया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया।
मासूम के दादा ने दी थीं गालियां, बदला लेने कर दी पोते की हत्या 
12-13 जून की दरमियानी रात डेढ़ साल के मासूम का शव थाने के पीछे बने कुएं में मिला था। नगर क ओमप्रकाश गुप्ता का डेढ़ वर्षीय बेटा विराज 12 जून की शाम अचानक घर के बाहर से गायब हो गया था। काफी तलाश करने के बाद भी जब माूसम का पता नहीं लगा तो परिजनों ने थाने पहुंचकर रात 8.30 बजे बच्चे के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद नगर के लोगों के साथ ही पुलिस भी सक्रिय हुई और खोज की गई। खजुराहो एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल ने भी रात भर पुलिस के साथ सर्चिंग की। इस दौरान रात करीब 3 बजे थाने के पीछे बने कुएं में मासूम बच्चे का शव बरामद 
हुआ। ओमप्रकाश ने अपने बेटे की हत्या कि जाने की आशंका व्यक्त की। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की। संदिग्धों से पूछताछ की। इस दौरान ओमप्रकाश गुप्ता के घर के बगल में रहने वाले वीरू उर्फ वीरेन्द्र यादव से भी पूछताछ की तो उसने ओमप्रकाश गुप्ता के बेटे की हत्या करना स्वीकार कर लिया।
वीरू ने पुलिस को बताया कि ओमप्रकाश के पिता की कुछ दिन पहले ही मौत हुई है, जब वे जीवित थे तो उन्होंने मेरे साथ गाली-गलौज की थी। इसके बाद वीरू ने एक बार ओमप्रकाश गुप्ता से 10 हजार रुपए उधार मांगे, लेकिन ओमप्रकाश ने देने से इंकार कर दिया। इसी बात लेकर वीरू ने डेढ़ वर्षीय मासूम विराज का अपहरण कर उसे कुएं में फेंक दिया। इससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी वीरू उर्फ वीरेन्द्र यादव के खिलाफ धारा 363, 364, 302 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले के खुलासा में एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल, टीआई दिलीप पांडेय सहित स्टाफ की भूमिका सराहनीय रही।
 

Created On :   16 Jun 2020 10:19 AM GMT

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