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कोर्ट नहीं तो वोट नहीं, सरई में सिविल कोर्ट खुलवाने लोग हुए लामबंद
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ) । सरई सिंगरौली जिला का दूरस्थ इलाका है। यहां से देवसर तथा वैढऩ जिला मुख्यालय की दूरी भी कमोवेश 50 किमी से अधिक है। यहीं नहीं कई ऐसे पहड़ी क्षेत्र के गांव भी हैं जहां से इनकी दूरियां 75 किमी से 100 किमी तक हो जाती है। ऐसे में सरई में सिविल कोर्ट की प्रबल आवश्यकता महसूस की जा रही है। सरई के रहवासी इन दिनों सरई में कोर्ट खोले जाने की मांग को लेकर लामबंद होने लगे हैं। इस अहम मांग को लेकर लामबंद रहवासियों में छात्र, शिक्षक, व्यवसायी सहित सरपंच आदि अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। जिन्होंने साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि कोर्ट नहीं खुला सरई में तो वोट के भी लाले पड़ जाएंगे राजनैतिक पार्टियों को।
स्वीकृत हो चुके हैं कोर्ट और पद -
उधर लोगों की मांग को इस बात से भी बल मिल रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा पहले से ही सरई में सिविल कोर्ट एवं न्यायाधीश के पद स्वीकृत किए जा चुके हंै। ऐसे में अब तक यहां कोर्ट का न खुलना लोगों के आक्रोश का कारण भी बनता जा रहा है। रहवासियों का कहना है जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न राजनैतिक संगठन इस अहम मुद्दे पर संजीदगी दर्शाये और जनमानस को सिविल न्यायालय की सुविधा दिलायें। अन्यथा हम भी उन्हें करारा जवाब देंगे।
छोटे-छोटे मामलों के लिए भी लंबा सफर-
सरई के रहवासियों को मलाल इस बात का भी है कि मामूली अथवा छोटे-छोटे मामलों के लिए भी देवसर अथवा वैढऩ जाने के लिए लंबी दूरी और दूरूह तथा लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। न्याय सबको, सुलभ व किफायती तौर पर मुहैया कराये जाने की मंशा सरकार, सुप्रीम कोर्ट तथा अन्य न्यायालयों की भी है। यह मंशा तभी साकार हो सकेगी जब न्याय पाने लंबा सफर तय करने के बजाय कम से कम दूरी पर कोर्ट हो। लेकिन सरई वासियों के लिए न्याय पाने की मंशा दूर की कौड़ी साबित हो रही है।
इनका कहना है-
सरई यूं भी आदिवासी बहुल इलाका है। संसाधन व सुबिधा के मामले में पहले से ही पिछड़ा है। न्याय पाने भी यहां के निर्धन लोगों को दूर सफर तय कर कोर्ट जाना पड़ता है। ऐसे में उनकी जेब पर भी भारी पड़ रहा है। सरई में सिविल कोर्ट खुल जाना अब अतिआवश्यक हो गया है। जनप्रतिनिधि इस समस्या पर सकारात्मक रूख प्रदर्शित कर कोर्ट खोले जाने का मार्ग प्रशस्त करें।
- श्याम लाल जायसवाल, पंचायत प्रतिनिधि
सुलभ व किफायती न्याय तभी मिल पाएगा। सभी रहवासी राजनैतिक संगठनों के जिम्मेदार एवं जनप्रतिनिधि अब मन बना लें की हर हाल में सरई इलाके में सिविल कोर्ट लाकर रहेंगे।
- सत्य प्रकाश जायसवाल, शिक्षक
किसी भी मामले में कोर्ट जाने की बात आती है तो लंबा सफर देवसर से वैढऩ तक करना पड़ता है। व्यवसाईयों का पूरा दिन बर्बाद हो जाता है जाने आने में ही। व्यापार प्रभावित होता है अलग से। सरई में सिविल कोर्ट खुलना निहायत जरूरी होता जा रहा है।
- पंकज गुप्ता, व्यवसायी
किसी भी मामले में कोर्ट जाना किसी दुश्वारी से कम नहीं। लोगों की सुविधा के लिए सरई में सिविल न्यायालय प्रारंभ किये जाने हेतु जनप्रतिनिधियों को सोच बनानी होगी।
- विपिन दुबे, छात्र
Created On :   26 Dec 2017 1:24 PM IST