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एयरपोर्ट पर नोंक-झोंक - मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात को लेकर विधायक-पार्टी जिलाध्यक्ष में तकरार
डिजिटल डेस्क छतरपुर । मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को अल्प प्रवास पर खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचे। इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश कर मुख्यमंत्री का स्वागत करने को लेकर राजनगर विधायक विक्रम सिंह का पहले सीआईएसएफ और इसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी के साथ नोंकझोंक हो गई। यहां विवाद इस बात को लेकर हुआ कि राजनगर विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट के भीतर जाने से सीआईएसएफ ने रोक दिया था। बाद में इस मामले में विधायक और कांग्रेस जिलाध्यक्ष सफाई देते नजर आए। उनका तर्क था कि कार्यकर्ताओं को परिसर में प्रवेश तो दिया गया, लेकिन रिसीविंग लाउंज में प्रवेश नहीं मिल सका।
सतना जाने से पहले खजुराहो में हुई अगवानी
मुख्यमंत्री कमलनाथ सतना में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष विमान से भोपाल से पहले खजुराहो पहुंचे। वे रविवार को सुबह 11 बजे खजुराहो एयरपोर्ट पर उतरे। यहां जिले के तीन विधायकों के अलावा कांग्रेस जिलाध्यक्ष व पदाधिकारियों ने उनकी आगवानी की। प्रशासन की ओर से सागर संभाग कमिश्नर आनंद कुमार शर्मा, आईजी सतीश सक्सेना, डीआईजी अनिल माहेश्वरी, कलेक्टर मोहित बुंदस और एसपी तिलक सिंह ने अगवानी की। यहां से मुख्यमंत्री करीब 11.15 बजे हेलीकॉप्टर से सतना के लिए रवाना हो गए।
एटीएस ने की सूची छोटी
तीखी नोंकझोंक के बाद विधायक और कांग्रेस जिलाध्यक्ष एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोपों से बचते हुए नजर आए और पूरा ठीकरा सुरक्षा अधिकारियों पर फोडऩे का प्रयास किया। इस संबंध में राजनगर विधायक विक्रम सिंह नातीराजा का कहना है कि राजनगर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने एयरपोर्ट में भीतर पर जाने के लिए जिन लोगों की सूची एटीएस (एयरपोर्ट अॅथारिटी) को दी थी। एटीएस ने सुरक्षा की दृष्टि से उसे छोटा कर दिया। ऐसे में बहुत कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से नहीं मिल सके। इसी बात को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी थी। मेरे और जिलाध्यक्ष के बीच कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं हुआ है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में करेंगे शिकायत
इस पूरे मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी का कहना है कि उनके द्वारा कांग्रेस के विभिन्न विंग और प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्षों को मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए एयरपोर्ट के भीतर तक जाने के लिए सूची प्रशासन को सौंपी थी। सूची लंबी होने के कारण प्रशासन ने मनमाने ढंग से शॉर्ट कर दिया। ऐसे में बहुत से पदाधिकारी बाहर रह गए। वे इस संबंध में सीएम हाउस और पार्टी के प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में चर्चा करेंगे। जिन कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने में पूरा योगदान दिया है, उनके अध्यक्षों को तो स्वागत करने का अधिकार होना चाहिए।
Created On :   6 Jan 2020 3:29 PM IST