सासन ऐश डैम की तबाही -घटना के 6 दिन बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर 

Police did not register an FIR even 6 days after the destruction of Sasan Ash Dam
सासन ऐश डैम की तबाही -घटना के 6 दिन बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर 
सासन ऐश डैम की तबाही -घटना के 6 दिन बाद भी पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर 

डिजिटल डेस्क सिंगरौली वैढऩ। लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में। मशहूर शायर बशीर बद्र का यह शेर इस समय रिलायंस के सासन ऐश डैम फूटने के मामले में मौजूं है। यह वक्त शेर ओ शायरी का नहीं, लेकिन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास शाह ने रिलायंस द्वारा निर्धारित मुआवजे पर तंज कसते हुए जब इसे दूरभाष पर कहकर अपनी और समाज की व्यथा बताने के लिए पढ़ा तो हम भी इसका उल्लेख करने से अपने को रोक नहीं पाये। शाह कहते हैं कि कलेक्टर, एसपी से लेकर रिलायंस का हर अधिकारी भली भांति जानता है कि ऐश डैम का टूटना कोई प्राकृतिक आपदा नहीं था बल्कि तमाम नोटिसों और बातचीत के बाद भी डैम के प्रति गंभीरता नहीं बरतना ही तबाही का कारण बना। रामनिवास शाह के साथ कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रामशिरोमणि शाहवाल और आम आदमी पार्टी के संदीप शाह ने खुला आरोप लगाया है कि 12 अप्रैल की शाम समझौते के समय लगभग पौने दो करोड़ रूपये का मुआवजा रामबरन परिवार के लिए तय हुआ था, मगर तीन दिन बाद ही सबकुछ महज 58 लाख में रिलायंस ने समेट दिया। यानी एक परिवार की तबाही को इतने सस्ते में निबटा दिया गया और प्रशासनिक अधिकारी मूक दर्शक बने सबकुछ होता देखते रहे। रामशिरोमणि ने तो विधायक रामलल्लू बैस के हाथों चेक बंटवाने को लेकर भी कड़ा विरोध जताया। उनका कहना था कि जो काम कलेक्टर को करना था, वो विधायक से क्यों कराया गया? 
नंदलाल का क्या होगा? 
रामशिरोमणि शाहवाल कहते हैं कि मुआवजे के निर्धारण में रिलायंस और प्रशासन ने पूरी तरह से भैयाराम के भाई यानी रामबरन शाह के दूसरे बेटे नंदलाल को भुला दिया। उसके लिए न तो नौकरी की बात हुई और ना ही जमीन दी गई। ऐसे में उसका क्या होगा? वे कहते हैं कि मुआवजे की राशि जब 12 अप्रैल को पौने दो करोड़ तय हो गई थी तब ऐसा क्या हुआ कि इसे कम करा दिया गया? इसके पीछे आखिर किसका दबाव था? आखिर कौन है जो मुआवजे की राशि कम कराकर अपना हित साधना चाह रहा है? रिलायंस, भी फ्लाई ऐश में पूरे परिवार की कब्र बनाने के बाद, अपनी जिम्मेदारी से क्यों भाग रहा है? उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा एक सप्ताह बाद भी एफआईआर दर्ज न करना उसकी काबिलियत पर सवालिया निशान लगा रहा है। 
मेरे पास है समझौते की पहली प्रति
संदीप शाह कहते हैं कि 12 अप्रैल के समझौते के दौरान जो मुआवजा तय हो रहा था, उसे एक पटवारी सादे कागज में लिपिबद्ध कर रहा था। उसकी मेरे पास फोटो है। घर के एक सदस्य ने प्रति मृतक के हिसाब से एक करोड़ देने दबाव क्या डाला? सभी मौके से चले गए और आज उस परिवार पर गाज गिराते हुए पूरा मुआवजा 58 लाख में समेट दिया गया। श्री शाह ने आरोप लगया कि यह पूरा खेल रिलायंस के दबाव में हुआ। 
रिलायंस ने जारी किया मुआवजा राशि घोषणा पत्र 
बुधवार 15 अप्रैल को देर शाम रिलायंस सासन पावर लिमिटेड की ओर से एक पत्र जारी किया गया, इसमें ऐश डैम टूटने से हुई मानव क्षति के एवज में  भैयाराम पिता रामबरन शाह को मुआवजा राशि की घोषणा की गई। इसमें कहा गया कि भैयाराम की मृत पत्नी चूनकुमारी के एवज में 10 लाख रूपये, उसके मृत पुत्र अभिषेक के एवज में 10 लाख रूपये, लापता पुत्री सीमा के एवज में 10 लाख रूपये एक मुश्त दिये जाने की सहमति दी जाती है। इसके अलावा मकान परिसर की मुआवजा राशि दस लाख, संपत्ति की मुआवजा राशि 10 लाख रूपये, मकान के सामग्री की मुआवजा राशि 8 लाख रूपये भी एकमुश्त दिया जायेगा। परिवार को स्थाई रूप से रहने के लिए लेबर कॉलोनी मकरोहर रोड में स्थित अर्जित पक्का मकान दिया जायेगा। भैयाराम को परियोजना में स्थायी नौकरी दी जाएगी। भैयाराम के माता-पिता को शासकीय प्रचलित दर से आजीवन जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा। एसडीएम सिंगरौली और एसडीएम देवसर ने इसको वेरीफाई कर हस्ताक्षरित किया।
 

Created On :   16 April 2020 6:48 PM IST

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