दुष्कृत्य के आरोपी की जेल में मौत, डिप्टी जेलर से परिजनों ने की मारपीट

Rape accused died in prison, angry relative beats Deputy Jailer
दुष्कृत्य के आरोपी की जेल में मौत, डिप्टी जेलर से परिजनों ने की मारपीट
दुष्कृत्य के आरोपी की जेल में मौत, डिप्टी जेलर से परिजनों ने की मारपीट

डिजिटल डेस्क, रीवा। पांच दिन पहले दुष्कृत्य के आरोप में गिरफ्तार लोक निर्माण विभाग में कार्यरत भृत्य की बुधवार को जेल में मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही परिजन का आक्रोश बढ़ने लगा और संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय के शव परीक्षण गृह में मौजूद डिप्टी जेलर से हाथापाई कर दी।

घटना की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और एक व्यक्ति को थाने ले जाया गया। जिले के सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत ददरी पैरा निवासी रामगोपाल पाण्डेय पुत्र गया प्रसाद 55 वर्ष को भतीजी के साथ दुष्कृत्य के आरोप में 18 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। सोहागी पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी रामगोपाल लोक निर्माण विभाग के त्योंथर कार्यालय में भृत्य के पद पर पदस्थ था।

भतीजी के साथ दुष्कृत्य का मामला दर्ज होने पर पुलिस ने पांच दिन पहले उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी रामगोपाल को 19 अगस्त को केन्द्रीय जेल रीवा लाया गया। बुधवार को परिजन को पता चला कि उनकी मौत हो गई है। यह जानकारी मिलते ही परिजन संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय पहुंच गए। जेल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा था। डिप्टी जेलर रमेश मरावी भी अस्पताल में मौजूद थे। मृतक के पोस्टमार्टम को लेकर आवश्यक प्रक्रियाएं चल रही थी।

बताया जा रहा है कि इसी दौरान कुछ लोगों ने डिप्टी जेलर रमेश मरावी के साथ हाथापाई शुरू कर दी। इसी जानकारी मिलते ही गोलीकाण्ड की वजह से अस्पताल में मौजूद पुलिस शव परीक्षण गृह की ओर भागी। कंट्रोल रूम को जानकारी दिए जाने पर और भी बल यहां पहुंच गया। बताया गया है कि दो लोगों को पुलिस ने मौके पर पकड़ लिया। जिसकी खातिरदारी करते हुए सिविल लाइंस थाना ले जाया गया।

डायबिटीज रोग से पीड़ित था मृतक
मृतक रामगोपाल के बारे में बताया गया है कि वह लंबे समय से डायबिटीज रोग से पीड़ित था। पुत्र शिवम ने बताया कि वर्ष 1992 से डायबिटीज की दवाएं ले रहा था। उन्हें सुबह-शाम इंसुलिन लगती थी। परिजन का आरोप है कि जेल में उनके स्वास्थ्य को लेकर ध्यान नहीं दिया गया और वे मौत के मुंह में चला गया। हालांकि जेल प्रबंधन का कहना है कि उनका अस्पताल में चेकअप कराया गया था। जेल अस्पताल में भी ऑब्जर्वेशन में रखा गया था। जेल प्रबंधन द्वारा उपचार को लेकर कहीं कोई लापरवाही नहीं की गई है।

डिप्टी जेलर से हाथापाई के बाद भी मानवता  देखने को मिली। पीड़ित परिवार के दर्द को समझते हुए डिप्टी जेलर ने कोई रिपोर्ट थाना में दर्ज नहीं कराई। दरअसल, इस घटनाक्रम के बाद परिवार के अन्य सदस्य आरजू-मिन्नत करने लगे। जिस पर अंतत: कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई और जिन लोगों को पकड़ कर ले जाया गया था, उन्हें छोड़ दिया गया। इसके  बाद यहां से शव को अंतिम संस्कार के लिए  रवाना किया।

 

Created On :   22 Aug 2018 6:59 PM IST

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