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तेजी से बढ़ रहा है कबाड़ का अवैध कारोबार, सालभर में बढ़ी नई दुकानों की गिनती
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। कबाड़ चोरी का गोरखधंधा इन दिनों जिले में काफी तेजी से फलफूल रहा है। खासकर मोरवा क्षेत्र में तो इस गोरखधंधे की गूंज काफी ज्यादा है। आलम यह है कि यहां सालभर में अनेकों छोटी-बड़ी कबाड़ की नई दुकानें खुल गई है। जिनका संचालन करने वाले कई बिहार व बार्डर पार राज्यों के जाने-माने शातिर हैं या कबाड़ चोरों के गुर्गे हैं। यह शुरूआत में धीरे-धीरे मोरवा में अपना ठिकाना बनाने के बाद अब यहां के आसपास फैली NCL की खदानों को अपना निशाना बनाने लगे हैं। सीकेडी की लॉबी में छुटभैया कबाड़ी के नाम से पहचाने जाने वाले ये नये कबाड़ चोर ऐसे हैं, जो हफ्ते-महीने में कभी-कभार इक्का-दुक्का चोरियां करके शांत बैठ जाते हैं और चोरी का माल पार करने के बाद अगली चोरी को अंजाम देते हैं। जबकि बड़े नाम वाले कबाड़ चोरों की कहानी आज भी पहले जैसी ही बनी हुई है।
सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से पुलिस की सख्ती और सेटिंग में रहने वाले पुलिस वालों से लिफ्ट नहीं मिलने से ये जमींदोज होने लगे थे, लेकिन एक बार फिर से कबाड़ के बड़े अवैध कारोबारियों के पर निकलने लगे हैं। यह सिलसिला करीब सालभर से चल रहा है। क्योंकि इस बार कुछ बड़े कबाड़ चोरों ने बड़ी सेटिंग करके मोटी रकम खर्च की है, जिसके कारण आज ऐसे हालात बनने लगे हैं कि अब कबाड़ चोरों की खेप खुद सुरक्षा के पहरेदार पार करवाने लगे हैं ।
मोरवा में कबाड़ के बड़े स्पॉट
मेढ़ौली में दीपक, मुन्ना, मोरवा मेन रोड पर सुरेंद्र, पहुना, विक्की और नारायण नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। ये कौन है और कहां से आए हैं? इसके बारे में कोई भी खुलकर कुछ नहीं बता रहा।
खदानों से धड़ल्ले से निकल रही कबाड़ की खेप
सूत्र बताते हैं कि हमेशा की तरह इन दिनों भी NCL के एमपी क्षेत्र से निगाही, दुधिचुआ, CWS और जयंत से कबाड़ की खेप धड़ल्ले से निकल रही है। जिसमें शक्तिनगर के चर्चित कबाड़ माफिया राजा के नाम पर राम बना बैठा एक कबाड़ व्यवसायी है। जो इन दिनों कबाड़ चोरी से हटकर सीधे कबाड़ का ऑनलाइन टेंडर लेने लगा है और इसके बाद वह प्रोजेक्ट्स की कमेटियों से सेटिंग करता है जिसमें सिक्योरिटी, स्टोर सहित अन्य विभाग के लोग रहते हैं। उन्हे मोटी रकम पहुंचकर वह कबाड़ की लीगल खेप की आड़ में अवैध खेप ढोता है। बताया जाता है ऐसे में कबाड़ का यह अवैध कारोबारी हर दो-तीन महीने में करीब 30-40 टन से ज्यादा के कबाड़ पर अवैध रूप से हाथ साफ कर लेता है।
Created On :   19 May 2018 2:17 PM IST