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नक्सली हमले में रीवा का लाल शहीद - छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में थे पदस्थ
डिजिटल डेस्क रीवा। नक्सली हमले में रीवा का एक लाल शहीद हो गया। 22वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में पदस्थ लक्ष्मीकांत द्विवेदी दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में इंद्रावती नदी पर निर्माणाधीन पुलिया की सुरक्षा में तैनात था। गुरुवार की दोपहर जब वह पेड़ के नीचे बैठकर भोजन कर रहा था। उसी दौरान प्रेशर आईईडी ब्लास्ट होने से रीवा जिले के सोहागी थाना क्षेत्र ग्राम बरछा (ककरहा) निवासी लक्ष्मीकांत शहीद हो गए। 41 वर्षीय लक्ष्मीकांत प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। उन्होंने वर्ष 2005 में नौकरी शुरु की थी। उनकी शहादत की खबर आते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। एक माह पहले आए थे घर
शहीद के छोटे भाई शिवाकांत ने बताया कि एक माह पहले गांव में बड़े दादा का निधन हो गया था। जिसमें शामिल होने हम लोग गए थे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पार्थिव शरीर गृहग्राम पहुंच सकता है।
सीएम ने किया नमन
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीटर के माध्यम से रीवा के वीर सपूत की शहादत को नमन करते हुए लिखा है कि - 22वीं बटालियन में छत्तीसगढ़ के दंतेबाड़ा में पदस्थ रीवा के लाल हेडकांस्टेबल लक्ष्मीकांत द्विवेदी के प्रेशर आईईडी बम की चपेट में आने से शहीद होने का समाचार मिला। उनकी शहादत पर मध्यप्रदेश को गर्व है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को संबल प्रदान करे।
छोटा भाई भी है प्रधान आरक्षक
शहीद लक्ष्मीकांत चार भाइयों में दूसरे नम्बर के थे। बड़े भाई कमलाकांत रायपुर छत्तीसगढ़ में इंजीनियर हैं। तीसरे नम्बर के भाई शिवाकांत द्विवेदी भी 22वीं वाहिनी में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। सबसे छोटे भाई रविकांत नागपुर में मैकेनिकल इंजीनियर हैं।
पुलिस विभाग में थे पिता - देश भक्ति -जन सेवा के क्षेत्र में यह परिवार समर्पित है। शहीद लक्ष्मीकांत के पिता मोतीलाल द्विवेदी पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। इस समय वे गांव में ही रहते हैं। नक्सली हमले में शहीद जवान की दो बेटियां हैं। जिनमें रूचि अभी 6वीं की छात्रा है जबकि छोटी बेटी परी कक्षा 2में पढ़ रही है। गांव में माता-पिता सहित पत्नी अंजू और दोनों बेटियां रहती हैं।
Created On :   5 March 2021 2:29 PM IST