रीवा के ठेकेदार ने सरेंडर किए 56 लाख, दूसरे दिन कार्रवाई - एक दिन पहले सरेंडर किए थे 20 लाख

Rewas contractor surrendered 56 lakhs, action on second day - 20 lakhs were surrendered the day before
रीवा के ठेकेदार ने सरेंडर किए 56 लाख, दूसरे दिन कार्रवाई - एक दिन पहले सरेंडर किए थे 20 लाख
रीवा के ठेकेदार ने सरेंडर किए 56 लाख, दूसरे दिन कार्रवाई - एक दिन पहले सरेंडर किए थे 20 लाख

डिजिटल डेस्क रीवा । रीवा के ठेकेदार राजेंद्र तिवारी के यहां दूसरे दिन भी राज्यकर (जीएसटी) की एंटी ईवीजन ब्यूरो सतना की सर्वे कार्रवाई चलती रही। इस दौरान टीम द्वारा ठेकेदार से 56 लाख रुपए सरेंडर कराए गए। इससे पहले गुरुवार को भी ठेकेदार ने 20 लाख सरेंडर किए थे।  इस तरह दो दिन की कार्रवाई में 76 लाख रुपए सरेंडर कराए गए हैं। इसके साथ ही शुक्रवार शाम को सर्वे कार्रवाई पूरी हो गई। उल्लेखनीय है कि ठेकेदार राजेन्द्र तिवारी के अमहिया स्थित कार्यालय और आवास में गुरुवार सुबह एईबी की बीस सदस्यीय टीम ने दबिश दी थी। टीम का उद्देश्य संबंधित ठेकेदार की दो कंपनी सावित्री कांस्ट्रक्शन और एमपी बिल्डर्स के लेनदेन की जांच करना था। टीम के पास जानकारी थी कि विभिन्न निर्माण कार्यों को करने वाली इन कम्पनियों से पर्याप्त टैक्स जमा नहीं हो रहा था। मिसबैच के बीच उच्च स्तर से जांच के निर्देश दिए गए। जिसके बाद ठेकेदार के ठिकानों पर दबिश देते हुए जांच शुरू की गई। इस दौरान व्यापक पैमाने पर अनियमितता मिली और दो दिन के दौरान 76 लाख की राशि सरेंडर कराई गई।
रिर्टन न भरना पड़ा भारी
ठेकेदार द्वारा अपनी फर्मों का रिटर्न न भरना भारी पड़ा। जिसके चलते वे एईबी की राडार पर आ गए थे। प्राथमिक जांच में एईबी ने पाया था कि उनकी फर्मों द्वारा लगातार काम किए जा रहे हैं, उसके बावजूद रिटर्न नहीं भरा जा रहा है। जिसके बाद दबिश देते हुए जांच का निर्णय लिया गया था।
दोनों फर्मों में गड़बड़ी
एईबी द्वारा ठेकेदार की दो फर्म सावित्री कांस्ट्रक्शन और एमपी बिल्डर्स के लेनदेन की जांच की गई। दोनो फर्मों के लेनदेन में गडबड़ी की बात सामने आई। पहले दिन एमपी बिल्डर्स ने 20 लाख और दूसरे दिन सावित्री कंस्ट्रक्शन से 56 लाख रुपए सरेंडर कराए गए।
राजनीतिक रसूख चर्चा में
ठेकेदार राजेन्द्र तिवारी मप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के भतीजे हैं। जिसके चलते राजनीतिक रसूख का फायदा मिलता रहा। लेकिन, जब एईबी ने दबिश दी, तो रीवा में राजनीतिक प्रभाव को लेकर ही चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि, एईबी टीम उन सभी से दूर अपनी जांच में जुटी रही।
 

Created On :   28 Nov 2020 1:48 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story